जलती धरती/ रितु झा वत्स

JALATI DHARATI

जलती धरती/ रितु झा वत्स विशुद्ध वातावारण हर ओरमची त्रास जलती धरती धूमिल आकाश पेड़ पौधे की क्षति होरही दिन रात धरती की तपिश कर रही पुकार ना जानेकब बरसेगी शीतल बयार प्लास्टिक की उपयोग हो रही लगातार दूषित हो रही हर कोना बदहाल जलती धरती सह रही प्रहारसूख रही कुंवा पोखर तालाब बूंद भर पानी … Read more

ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमार

JALATI DHARATI

ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमार ईश्वर की दी हुई धरोहर हम जला रहे हैंलगा के आग पर्यावरण दूषित कर रहे हैंकाटे जा रहे हैं पेड़ जंगलों के,सुखा के इन्सान खुश हो रहा हैआते – जाते मौसम बिगाड़ रहा है हरी- भरी भूमि में निरंतर रसायन मिला रहा हैअपने ही उपजाऊ भूमि … Read more