हूँ तन से दिव्यांग मन से नहीं-(विश्व दिव्यांग दिवस विशेष)

एक दिव्यांग अपनी दिव्यांगता को कमजोरी नहीं बल्कि आत्म बल साहस बना सबको एक नई दिशा देता है और नित आगे बढ़ता है