प्रकृति का इंसाफ पर कविता

जलती धरती/डॉ0 रामबली मिश्र

प्रकृति का इंसाफ पर कविता कायनात में शक्ति परीक्षा,दिव्य अस्त्र-शस्त्र परमाणु बम से |सारी शक्तियां संज्ञा-शून्य हुई ,प्रकृति प्रदत विषाणु के भ्रम से |अटल, अविचल, जीवनदायिनी ,वसुधा का सीना चीर दिया |!दोहन किया युगो- युगो तक,प्रकृति को अक्षम्य पीर दिया ||सभ्य,सुसंस्कृत बन विश्व पटल पर,कर रहे नित हास-परिहास | त्राहिनाद गूंज रहा चहुं ओर ,अब … Read more

प्रकृति से प्रेम पर कविता

प्रकृति से प्रेम – रीता प्रधान प्रकृति की सुंदरता पर आधारित रचना

प्रकृति पर कविता

प्रकृति पर कविता सप्त सुरीला संगीत है , प्रकृति का हर तत्व । सजा देता यह जीवन राग, भर देता है महत्त्व। एक एक सुर का अपना ,अलग ही अंदाज है । समझना तो पड़ेगा हमें ,अब तो इसका महत्व ।। समय आने पर सब कुछ जता देती है ये हमें कहीं गुना ज्यादा राज … Read more