पृथ्वी दिवस: धरती हमारी माँ
पृथ्वी दिवस: धरती हमारी माँ हमको दुलारती हैधरती हमारी माँ।आँचल पसारती हैधरती हमारी माँ।बचपन मे मिट्टी खायीफिर हम बड़े हुए।जब पाँव इसने थामातब हम खड़े हुए।ममता ही वारती हैधरती हमारी…
22 अप्रैल विश्व पृथ्वी दिवस (22 April World Earth Day)
इसी दिन 1970 को आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की शुरुआत हुयी थी. दुनिया भर में प्राकृतिक संसाधनों का आवश्यकता से अधिक दोहन किया जा रहा है, जिसकी वजह से दुनिया खतरें में आ गई है. प्रकृति के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है.
पृथ्वी दिवस: धरती हमारी माँ हमको दुलारती हैधरती हमारी माँ।आँचल पसारती हैधरती हमारी माँ।बचपन मे मिट्टी खायीफिर हम बड़े हुए।जब पाँव इसने थामातब हम खड़े हुए।ममता ही वारती हैधरती हमारी…
धरती तुझे प्रणाम माथ नवाकर नित करूँ , धरती तुझे प्रणाम ।जीव जंतु का भूमि ही , होता पावन धाम ।। खेले कूदे गोद में , सबकी माँ हो आप…
धरती हमारी माँ LAND हमको दुलारती है धरती हमारी माँ। आँचल पसारती है …
प्रकृति पर कविता सप्त सुरीला संगीत है , प्रकृति का हर तत्व । सजा देता यह जीवन राग, भर देता है महत्त्व। एक एक सुर का अपना ,अलग ही अंदाज…
तोड़े हुए रंग-बिरंगे फूल टीप-टीप बरसता पानीछतरी ओढ़ेसुबह-सुबह चहलकदमी करतेघर से दूर सड़कों तक जा निकलादेखा--सड़क के किनारेलगे हैं फूलदार पौधे कईपौधों पर निकली हैं कलियाँ कईमग़र कहीं भीदूर-दूर तक…
यह दोहा एनके सेठी द्वारा बादल को आधार मान कर लिखी गई हैं
प्रकृति का इंसाफ 1.उदयाचल से अस्ताचल तक,कैसी ये वीरानी है |उत्तर से दक्षिण तक देखो ,मानव माथ पर परेशानी है || 2. पूरब से चली दनुज पुरवाई ,मानव मानव का…
ये धरा अपनी जन्नत है ये धरा,अपनी जन्नत है।यहाँ प्रेम,शांति,मोहब्बत है। ईश्वर से प्रदत्त , है ये जीवन।बन माली बना दें,भू को उपवन।हमें करना अब धरती का देखभाल।वरना पीढ़ी हमारी,हो…