Tag: भोलेनाथ पर कविता

  • शिवरात्रि पर कविता-कन्हैया लाल श्रीवास

    प्रस्तुत कविता शिवरात्रि पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

    शिवरात्रि पर कविता

    शिव भोला है देव महान।
    करें जगत उनका गुणगान।।
    नील कंठ है सुंदर नाम।
    बैठ गये कैलाश सुधाम।।1।।


    शीश जटा धारे है गंग,
    ढोल साज है साथ मृदंग।।
    सर्प गले में पहने हार।
    उमा साथ में देवी नार।।2।।


    अंग भस्म पट बाघा चाम,
    राखे कर त्रिशूल है वाम।।
    चंद्र तिलक सोहे है माथ।
    भव सागर से तारे नाथ।।3।।


    तीन नयन के स्वामी आप।
    सकल जगत हरते संताप।।
    महा काल का नंदी सवार।
    शिव भोले का भाव अपार।।4।।


    नित्य रटें जो पावन नाम,
    पावे शुभदा मंगल धाम।।
    पाठ शिवा का नित कर गान।
    शिव शंकर देते वर दान।।5।।



    कन्हैया लाल श्रीवास
    भाटापारा छ.ग.
    जि.बलौदाबाजार भाटापारा