Tag 11 अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कविता

11 अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

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सिमटी हुई कली/मनीभाई नवरत्न

सिमटी हुई कली/मनीभाई नवरत्न सिमटी हुई कली ,मेरे आंगन में खिली।शाम मेरी ढली,तब वह मोती सी मिली।रोशनी छुपाए जुगनू सासारी सारी रात मेरे घर में जली । चंचलता ऐसी जैसे कोई पंछीओढ़े हुए आसमां की चिर मखमली।खुशबू फैल जाए जहां…

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बेटी पर कविता / लक्ष्मीकान्त ‘रुद्रायुष’

बेटी पर कविता / लक्ष्मीकान्त ‘रुद्रायुष’ सुख औ समृद्धि कारी,होती फिर भी बेचारी,क्यों ना जग को ये प्यारी,बेटी अभिमान है।माता का दुलार बेटी,पिता का है प्यार बेटी,खुशी का संसार बेटी,सबका सम्मान है।सूना घर महकाती,चिड़िया सी च-चहाती,“कांत” मन बहलाती,बेटी स्वभिमान है।प्यारा…