Tag: 21जून विश्व संगीत दिवस पर हिंदी कविता

21जून विश्व संगीत दिवस की शुरुआत –  फ्रांसीसियों की संगीत के प्रति दीवानगी की हद को देखते हुए 21 जून 1982 को आधिकारिक रूप से संगीत-दिवस की घोषणा हुई थी और धीरे-धीरे अब यह समूचे विश्व में मनाया जाने लगा है।

  • जीवन एक संगीत है-आभा सिंह

    जीवन एक संगीत है-आभा सिंह

    पिता

    जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए
    लाखों उलझनें हो मगर हँसकर सुलझाइए
    कमल कीचड़ में भी रहकर अपनी सुन्दरता ना खोता
    गुलाब काँटों में भी रहकर मुस्कुराना ना भूलता
    दामन से काँटे चुन-चुनकर जीवन को सफल बनाइए
    जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए !!



    अंगारों से भरी राहों से गुज़रकर उँचाइयों पर पहुंचिए
    अंधेरों में तीर रोशनी के चलाकर सूरज जैसा चमकिए
    नई कल्पनाएं करने का संकल्प लेकर स्वप्न उड़ान भरिए
    शून्य से शिखर तक चलकर खुद को तराशिए
    जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए !!



    झंझावतों में भी फँसकर बिना झुके अडिग रहिए
    पारदर्शिता हो जीवन में दुर्गण को दूर भगाइए
    जो नयनों में पलते हैं उन सपनों को पुरा कर जाइए
    सुन्दर सुवासित संस्कारों से पुष्प गुच्छ सजाइए
    जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए !!


    मौलिक एवं स्वरचित
    आभा सिंह
    लखनऊ उत्तर प्रदेश

  • संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें

    संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें

    kavita

    कभी सुनो धड़कन की आवाज।
    कभी सांसों में ,वो बजता साज
    जीवन संगीत की मधुर आवाज।

    कभी अधरों पर आई हंसी हो।
    कभी बोली मैं आई मिठास हो।
    सब जीवन संगीत का मधुर राग।

    कभी शिशु की मधुर किलकारियों में।
    कभी आंखों से बहते अश्कों धारों में।
    जीवन संगीत के सारे स्वर मिल जाते।
    सभी आपस में मिल मधुर राग बनाते।

    कभी क्रोध की प्रखर गर्जना में।
    कभी मन के अंदर छुपी वेदना में।
    जीवन संगीत के राग मिल जाते।

    कभी शोर मचाते, कभी शांत रह जाते।

    संगीत बिन जीवन की कल्पना ना कर पाते।
    संगीत के स्वर हमारे , भटके मन को बहलाते ।
    कभी चित्त को शांत कर हमें क्रोध से उबारते ।
    तो कभी ये स्वर, आनंद मन के साथ हो जाते।

    संगीत और जीवन आपस में ऐसे हैं जुड़े ।
    जैसे तरु की शाखा, जड़ के सहारे हैं खड़े ।।।

    By_ Pragnya Gupta.

  • जीवन में संगीत ही आधार है

    जीवन में संगीत ही आधार है

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    संगीत से ही जुडा़ जीवन,
    जीवन में संगीत ही आधार है ।
    मां की लोरी में पाया संगीत की झंकार है।
    पापा के गीतों में पाया खुशियां अपार है ।


    बारिश की कल कल बूंदो में
    आती संगीत की बयार है ।
    कलियों की खिलने में
    भंवरे करते संगीतमय मनुहार है ।


    कोयल का मीठा संगीत लाता
    जीवन में खुशियों की झंकार है ।
    बारिश में मयूर का नर्तन
    देता खुशियां अपार है ।


    जब होता मिलन धरती और आकाश का ,
    मेंढक लगाता टर्र – टर्र की गुहार है।
    पूजा, प्रार्थना या इबादत
    ईश्वर को संगीतमय स्वीकार है ।


    संगीतमय हो यह अपना जीवन
    जीवन में रहे नित खुशियां हजार है

    एकता गुप्ता “काव्या”
    उन्नाव उत्तर प्रदेश

  • ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत – अनिल कुमार गुप्ता ‘अंजुम’

    ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत – अनिल कुमार गुप्ता ‘अंजुम’

    महादेव


    ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
    ख़ुदा की इबादत सिखाता है संगीत ।

    दिल के कोने में जब गुनगुनाता है संगीत
    स्वयं का खुदा से परिचय कराता है संगीत।

    कहीं माँ की लोरियों में गुनगुनाता है संगीत
    कहीं कृष्ण की बांसुरी में भाता है संगीत ।

    गायों की गले की घंटी से जन्म लेता संगीत
    कहीं बैलगाड़ी की घंटियों से उपजता संगीत।

    कहीं प्रेयसी को प्रेमी से मिलाता संगीत
    कहीं नवजात को मुस्कुराना सिखाता है संगीत ।

    संगीत का स्वयं से स्वयं का परिचय नहीं
    लोगों के सोये भाग्य जगाता है संगीत।

    बंज़र में भी फूल खिलाता है संगीत
    उदास चेहरे पर मुस्कान जगाता है संगीत ।

    कहीं खुदा की इबादत हो जाता है संगीत
    कहीं कुरआन की आयत , गीता के श्लोक हो जाता है संगीत।

    कहीं दूर चरवाहे के दिल में बसता संगीत
    कहीं पंक्षियों के कलरव से उपजता संगीत ।

    संगीत की कोई सीमा नहीं होती
    धरती के कण – कण में बसता है संगीत।

  • संगीत का दीवाना -अकिल खान

    संगीत का दीवाना

    संगीत का दीवाना -अकिल खान


    जब मन हो उदास तो, तुम सुन लेना संगीत,
    अपने हताश मन में खुशी कर लेना अंकित।
    खाली है जीवन तो भरलो संगीत का खजाना,
    यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।

    विचलित हो जीवन तो संगीत काम आए,
    गम सारे भाग जाऐ जब कोई संगीत सुनाऐ।
    संगीत से है जीवन और संगीत से है जमाना,
    यही है समझाना हर कोई, संगीत का दीवाना।

    संगीत से मिलें सबको प्रेम का संदेश,
    हास्य – व्यंग्य की धुन से दूर होता क्लेश।
    शौर्य – वीरता की धुन से बंधा अपना देश,
    सुनकर जिसे मंत्र – मुग्ध हो चाहे रंक या नरेश।
    संगीत से जल उठे तानसेन का दीपक हमने है जाना,
    यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।

    निर्जन हो या हो भीड़ में हर कोई लेता इसका मजा,
    नाचते खोकर सुध-बुध और बोलते फिर से बजा।
    शत्रुता को मिटाकर सबको है अपना बनाना,
    यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।

    संगीत में अरमान खुशी ,संगीत में है सारा जहाँ,
    छोड़के इस खुबसूरत पल को जाऊँ मैं अब कहाँ।
    जो दिल को दे सुकून , वो संगीत जरा सुनाना,
    यही है समझाना हर कोई , संगीत का दीवाना।



    अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ.ग.) पिन – 496440.