योग दिवस पर 3 कवितायेँ

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इन कविताओं में योग के महत्व और उसके द्वारा मिलने वाले शारीरिक और मानसिक लाभों का वर्णन किया गया है। योग को एक सरल और प्रभावी उपाय के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है। योग दिवस पर 3 … Read more

योग दिवस / राजकिशोर धिरही

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राजकिशोर धिरही की कविता “योग दिवस पर” योग के महत्व और उसके द्वारा मिलने वाले शारीरिक और मानसिक लाभों को उजागर करती है। यह कविता शोभन छंद में रची गई है, जो सरल और प्रवाहमयी है, ताकि पाठक इसे आसानी से समझ सकें और इसके संदेश को आत्मसात कर सकें। योग दिवस / राजकिशोर धिरही … Read more

जीवन का पाठ है योग / अरुणा डोगरा शर्मा

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अरुणा डोगरा शर्मा की “यह”जीवन का पाठ है योग” कविता सरल, प्रवाहमयी और प्रेरणादायक भाषा में रची गई है। कविता का उद्देश्य योग के सामूहिक अभ्यास के महत्व को रेखांकित करना और पाठकों को इसे अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करना है। जीवन का पाठ है योग /अरुणा डोगरा शर्मा भौतिक सुखों को … Read more

आओ मिल कर योग करें हम / शिवांगी मिश्रा

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शिवांगी मिश्रा की कविता “आओ मिल कर योग करें हम” योग के सामूहिक और सामाजिक महत्व को उजागर करती है। इस कविता में कवयित्री ने योग को न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य और शांति का साधन बताया है, बल्कि इसे एक सामूहिक गतिविधि के रूप में भी प्रस्तुत किया है जो समुदाय और समाज में एकता … Read more

योग बने मुस्कान हमारी / डा० भारती वर्मा बौड़ाई

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डा० भारती वर्मा बौड़ाई की यह कविता सरल, प्रवाहमयी और प्रेरणादायक भाषा में रची गई है। कविता का उद्देश्य योग के लाभों को सरल और सहज रूप में प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक इसे आसानी से समझ सकें और अपने जीवन में शामिल कर सकें। योग बने मुस्कान हमारी / डा० भारती वर्मा बौड़ाई योग … Read more