स्वास्थ्य जीवन है- मनीभाई नवरत्न

स्वास्थ्य जीवन है- मनीभाई नवरत्न

स्वास्थ्य जीवन है।
स्वास्थ्य ही धन है।
स्वास्थ्य से परे
ना उन्नति,अमन है।

स्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ समाज ।
स्वस्थ समाज से विकसित राज ।
विकसित देश बनाये चलो मिलके,
योग व संयम को अपनालें आज।

जीवन हो अपनी प्राकृतिक ।
आहार हो बिल्कुल संतुलित ।
व्यवहार में मधुरता हो मिश्रित ।
आचार-विचार हों अपनी संयमित।

इस हेतु जुड़े आध्यात्म से
साहित्य,संगीत और सत्संग से ।
अपना स्वास्थ्य है अपने हाथ,
मिलना सभी से प्रसन्न और उमंग से।

आज भटकते देश के कर्णधार ।
कृत्रिम खान पान की हुई भरमार।
भागमभाग तनाव जीवन में
शरीर बन चुका रोगों का भंडार ।

आओ समझें अब असलियत ।
ना कम होने पायें शारीरिक मेहनत ।
अच्छी स्वास्थ्य के बिना सब व्यर्थ ।
आज बनी सेहत सबसे बड़ी जरूरत ।

manibhainavratna
manibhai navratna


(रचयिता :- मनी भाई )  

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

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