तन की माया पर कविता – बाबूराम सिंह

गजल तन की माया पर कविता तनआदमी का जग मेंअनमोल रतन है। बन जायेअति उत्तम बिगड़ा तो पतन है।सौभाग्य से है पाया जाने कब मिले,नर योनी में हीं कटता आवागमन…

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जिंदगी पर कविता – आदित्य मिश्रा

जब कोई किसी से प्यार करता है तो उसकी व्यथा उसको ही पता रहती है

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रेखा मल्हार की कविता

रेखा मल्हान की कविता कविता संग्रह मिले न सभी को रोटी , नहीं कपड़ा मकान ।भूखे ही सबै सोवत , नेता करै न भान ।। १।। नेता कर जनहित वदन…

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अकारण ही -राजुल

जीवन यात्रा में बहुत कुछ अकारण होते,रचते रहना चाहिए। वृत्ताकार और यंत्रवत जीवन जीने से मर सा जाता है आदमी और निष्प्राण हो जाती है उसके अंदर की आदमियत...

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ये आम अनपढ़ बावला है

ये आम अनपढ़ बावला है कविता संग्रह दुर्व्यवस्था देख,क्या लाचार सा रोना भला है।क्या नहीं अब शेष हँसने की रही कोई कला है।शोक है उस ज्ञान पर करता विमुख पुरुषार्थ…

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प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न हम करते जाते हैं कामवही जो करते आये हैंया फिर वो ,जो अब हमारे शरीर के लिएहै जरूरी। इस दरमियानकभी जो चोट लगेया हो जाये गलतियां।तो पछतावा…

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