तन की माया पर कविता – बाबूराम सिंह

अन्य काव्य शैली

गजल तन की माया पर कविता तनआदमी का जग मेंअनमोल रतन है। बन जायेअति उत्तम बिगड़ा तो पतन है। सौभाग्य से है पाया जाने कब मिले,नर योनी में हीं कटता आवागमन है। सेवा, तपस्या ,त्याग मध्य ही राग अनुपम,शुभ गुणआचरणको जगत करता नमन है। सच्चाई अच्छाई से सुफल इसे बना लो,आखिर साथ जाता सिर्फ तनपै … Read more

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वो कांधा ना दिखा – आदित्य मिश्रा

एक मजबूत या कठोर व्यक्ति की व्यथा

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जिंदगी पर कविता – आदित्य मिश्रा

पिता

जब कोई किसी से प्यार करता है तो उसकी व्यथा उसको ही पता रहती है

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रेखा मल्हार की कविता

रेखा मल्हान की कविता मिले न सभी को रोटी , नहीं कपड़ा मकान ।भूखे ही सबै सोवत , नेता करै न भान ।। १।। नेता कर जनहित वदन , लालच देवत जात ।झुठा वादे करत जात , मान नहीं निज बात ।।२ ।। हो स्वदेश का विकास , रखते हैं यह आस ।सपने हो सबै … Read more

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अकारण ही -राजुल

कविता संग्रह

जीवन यात्रा में बहुत कुछ अकारण होते,रचते रहना चाहिए। वृत्ताकार और यंत्रवत जीवन जीने से मर सा जाता है आदमी और निष्प्राण हो जाती है उसके अंदर की आदमियत…

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ये आम अनपढ़ बावला है

कविता संग्रह

ये आम अनपढ़ बावला है दुर्व्यवस्था देख,क्या लाचार सा रोना भला है।क्या नहीं अब शेष हँसने की रही कोई कला है। शोक है उस ज्ञान पर करता विमुख पुरुषार्थ से जो,भाग्य की भी भ्राँतियों ने,कर्म का गौरव छला है। आग तो कोई लगा दे,रोशनी के नाम से पर,क्रांति का नवदीप केवल चेतना से ही जला … Read more

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प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न

manibhai

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न हम करते जाते हैं कामवही जो करते आये हैंया फिर वो ,जो अब हमारे शरीर के लिएहै जरूरी। इस दरमियानकभी जो चोट लगेया हो जाये गलतियां।तो पछतावा होता है मन मेंजागता है प्रायश्चित भाव। वैसे सब चाहते हैंगलतियां ना दोहराएं जाएं।सब पक्ष में हैंसामाजिक विकास अग्रसर हो।गम के बादल तले,सुखों का सफर … Read more

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