तन की माया पर कविता – बाबूराम सिंह

गजल तन की माया पर कविता तनआदमी का जग मेंअनमोल रतन है। बन जायेअति उत्तम बिगड़ा तो पतन है।सौभाग्य से है पाया जाने कब मिले,नर योनी में हीं कटता आवागमन है। सेवा, तपस्या ,त्याग मध्य ही राग अनुपम,शुभ गुणआचरणको जगत करता नमन है।सच्चाई अच्छाई से सुफल इसे बना लो,आखिर साथ जाता...

वो कांधा ना दिखा – आदित्य मिश्रा

वो कांधा ना दिखा – आदित्य मिश्रा कविता संग्रह सब कहते हैं बहुत मजबूत होआंखे तुम्हारी बरसती ही नहीं।मुस्कुराती हो हमेशा ही तुमक्या गम से कभी गुजरी ही नहीं। मैं खिलखिला जाती हूंआंसू आंखों में छुपाती हूं।कैसे कहूं उनसे अब मैंरोना तो बहुत चाहा था मैंनेपर कोई मजबूत...

जिंदगी पर कविता – आदित्य मिश्रा

जिंदगी गुजारेंगे कैसे – आदित्य मिश्रा HINDI KAVITA || हिंदी कविता तेरे बिन ये जिंदगी गुजारेंगे कैसे,रूठ कर जो जाओ तो मनायेंगे कैसे,सुबह की धूप की तरह तेरी यादों का सिलसिला है,दिल से तेरी यादों को भूल पाएंगे कैसे, कुछ ख़्वाब ना पूरे होंगे,कुछ अफ़सानों का कारवाँ...

रेखा मल्हार की कविता

रेखा मल्हान की कविता कविता संग्रह मिले न सभी को रोटी , नहीं कपड़ा मकान ।भूखे ही सबै सोवत , नेता करै न भान ।। १।। नेता कर जनहित वदन , लालच देवत जात ।झुठा वादे करत जात , मान नहीं निज बात ।।२ ।। हो स्वदेश का विकास , रखते हैं यह आस ।सपने हो सबै पूरन , कोय होए न निराश ।।३...

अकारण ही -राजुल

अकारण ही अकारण ही खोल देता हूँ फ्रिज का दरवाज़ाअकारण ही खोलता रहता हूँ मोबाइल का पैटर्न लॉकऔर सुनता हूँ टप की आवाज़अकारण ही बात कर लेता हूँ मरीज़ के तीमारदार से अकारण ही मार देता हूँ राह चलते पड़े किसी गोलक कोदेखता हूँ कहाँ जाकर रुकेगा ;अगर फिर लक्षित हो सका तो मार देता...