जिंदगी पर कविता – आदित्य मिश्रा

जिंदगी गुजारेंगे कैसे – आदित्य मिश्रा

पिता
HINDI KAVITA || हिंदी कविता

तेरे बिन ये जिंदगी गुजारेंगे कैसे,
रूठ कर जो जाओ तो मनायेंगे कैसे,
सुबह की धूप की तरह तेरी यादों का सिलसिला है,
दिल से तेरी यादों को भूल पाएंगे कैसे,

कुछ ख़्वाब ना पूरे होंगे,
कुछ अफ़सानों का कारवाँ गुजरेगा,
जब रुख्सत होगी मेरी अरमानों की डोली,
टूटने से खुद को हम रोक पाएंगे कैसे,

हर मुसाफिर में तेरी तस्वीर तलाशेंगे,
जो तू न मिली तो खुद को मनायेंगे कैसे,
वो वादे वफ़ा की वो किस्से कहानियाँ,
दर्द-ए-दास्ताँ हम सुनाएँगे कैसे॥

@साहित्यकार आदित्य मिश्रा
दक्षिणी दिल्ली, दिल्ली 9140628994

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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