निज जीवन अपनापन पा लूँ – अनिल कुमार गुप्ता ” अंजुम “
निज जीवन अपनापन पालूँ
प्रभु महिमा हर क्षण मै गा लूं
विनम्रता बने गहना मेरी
आस्तिकता अलंकार बना लूं
निज जीवन अपनापन पालूँ
प्रभु महिमा हर क्षण मै गा लूं
सर्वस्व लुटा दूं तुझ पर मै
जीवन में भक्ति अपना लूं
निर्मल भाव करूं सिमरन मेरा
निष्कलंक हो जीवन मेरा
निज जीवन अपनापन पालूँ
प्रभु महिमा हर क्षण मै गा लूं
विजय प्राप्त हो मुझे स्वयं पर
योग को जीवन में अपना लूं
संयम बन जाए उपमा मेरी
संकल्प मार्ग पर बढ़ता जाऊं
निज जीवन अपनापन पालूँ
प्रभु महिमा हर क्षण मै गा लूं
निर्दोष नेत्र अवलोकन चाहूँ
आलिंगन प्रभु मै तेरा पाऊँ
उत्तम अवसर सुकर्म मिले प्रभु
निष्काम भाव से बलि – बलि जाऊं
निज जीवन अपनापन पालूँ
प्रभु महिमा हर क्षण मै गा लूं