नन्हे बहादुर-लाल बहादुर शास्त्री जी

नन्हे बहादुर-लाल बहादुर शास्त्री जी दोहा छंद सदी बीस प्रारंभ में, चलती चौथी साल।दो अक्टूबर को लिए, जन्म बहादुर लाल।। जन्मे मुगल सराय में, वाराणसी सनेह।राम दुलारी मात थी, पिता शारदा गेह।। बचपन में गुजरे पिता, पले बढ़े ननिहाल।निर्धनता का सामना, करते पढ़ते लाल।। फिर चाचा के पास में, पहुँचे मुगलसराय।शिक्षा मे रह अग्रणी, लाल … Read more

मनहरण घनाक्षरी -दशहरा

किसी भी राष्ट्र के सर्वतोमुखी विकास के लिए विद्या और शक्ति दोनों देवियों की आराधना और उपासना आवश्यक है। जिस प्रकार विद्या की देवी सरस्वती है, उसी प्रकार शक्ति की देवी दुर्गा है। विजया दशमी दुर्गा देवी की आराधना का पर्व है, जो शक्ति और साहस प्रदान करती है। यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल … Read more

नवदुर्गा पर दोहा – बाबूलाल शर्मा

doha sangrah

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। ]शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। नवदुर्गा पर दोहा ~ १ ~मात शैल पुत्री प्रथम, कर पूजन नवरात।घट स्थापन पूजा करें, मिले सर्व सौगात।।. ~ २ ~ब्रह्मचारिणी … Read more

दिनकर जी पर दोहे – बाबूलाल शर्मा

doha sangrah

दिनकर जी पर दोहे – बाबूलाल शर्मा दिनकर दिनकर से हुए,हिन्दी हिन्द प्रकाश।तेज सूर जैसा रहा, तुलसी सा आभास।।.जन्म सिमरिया में लिये, सबसे बड़े प्रदेश।सूरज सम फैला किरण, छाए भारत देश।। भूषण सा साहित्य ध्रुव, प्रेमचंद्र सा धीर।आजादी के हित लड़े,दिनकर कलम कबीर।। भारत के गौरव बने, हिन्दी के सरताज।बने हिन्द के राष्ट्रकवि,हम कवि करते … Read more

नारी की सुन्दरता पर कविता – बाबूलाल शर्मा

नारी की सुन्दरता पर कविता नीति नियामक हाय विधायक,भाग्य कठोर लिखे हित नारी।सत्य सदा दिन रात करे श्रम,वारि भरे घट ले पनिहारी।पंथ चले पद त्राण नहीं पग,कंटक कष्ट हुई पथ हारी।‘विज्ञ’ निहार अचंभित मानस,सुंदर नारि कि सुंदर सारी।. ….👀🌹👀….केश खुले घन कृष्ण घटा सम,ले घट हाथ टिका कटि धारे।गौर शरीर लगे अति कोमल,नैन झुके पर … Read more