बैताली छंद के कविता
बैताली छंद के कविता काम क्रोध , लोभ छोड़ दे ।राम संग , प्रीत जोड़ दे ।।एक राम , सत्य है यहाँ ।हो अचेत , सो रहा कहाँ ।। स्वार्थ …
बैताली छंद के कविता काम क्रोध , लोभ छोड़ दे ।राम संग , प्रीत जोड़ दे ।।एक राम , सत्य है यहाँ ।हो अचेत , सो रहा कहाँ ।। स्वार्थ …