by कविता बहार | Aug 17, 2019 | हिंदी कविता
अटल जी की स्मृति में कविता अटल बिहारी वाजपेयी नाम अटल था, काम अटल था,,जीवन भर विश्वास अटल था, साथ अटल सामर्थ्य अटल था,,,जीवन का सिद्धांत अटल था,,याद करे उस महामानव को,,आज हुई नम आँख हमारी,,नाम था जिनका अटल बिहारी ।।नाम था जिनका,,,,,,,,,,,समर अटल श्मशान अटल था... by कविता बहार | May 9, 2019 | हिंदी कविता
भगवान परशुराम पर कविता त्रेतायुग के अयाचक ब्राह्मणभगवान विष्णु के छठे अंशावतारतुझे पाकर हे भार्गवधन्य हुआ संसार ।।भृगुवंश की माता रेणुकापिता जिनके जमदग्निसाक्षात प्रभु हे गुरू श्रेष्ठहे हवन कुंड की अग्नि ।।विधुदभि नाम के परशुधारीहे भृगुश्रेष्ठ अमित बलशालीसृष्टि के... by कविता बहार | Apr 21, 2019 | Uncategorized
बाँसुरी बजाये गिरधारी बाँसुरी बजाये गीरधारी ब्रज में भीड़ भारी ।सखी संग नाचे वृषभानु दुलारी ब्रज में भीड़ भारी। बाँसुरी की धुन पे कान्हा गौ भी झूमेकदम की डाली मोहन तेरी पलकें चूमेसाथ गाये कोयलीया काली ब्रज में भीड़ भारी ।बाँसुरी बजाये गिरधारी ब्रज मे भीड़ भारी । कमल... by कविता बहार | Feb 3, 2019 | हिंदी कविता
कोयल रानी ओ शर्मीली कोयल रानी आज जरा तुम गा दो ना।आम वृक्ष के झुरमुट में छुपकर मधुर गीत सुना दो ना।। शीतल सुरभित मंद पवन है और आम का अमृतरस ।आम से भी मीठी तेरी बोली सुनने को जी रहा तरस ।। वसंत ऋतु आता तभी तुम दिखती इन आमों की डाली पे।मिसरी सी तेरी बोली है अब गा दो ना... by कविता बहार | Feb 2, 2019 | हिंदी कविता
ऋतुराज का आगमन ऋतुराज बसंत लेकर आयेवसंत पंचमी, शिवरात्रि और होलीआ रही पेड़ों के झुरमुट सेकोयल की वो मीठी बोली । बौरों से लद रहे आम वृक्षहै बिखर रही महुआ की गंधनव कोपल से सज रहे वृक्षचल रही वसंती पवन मंद । पलाश व सेमल के लाल-लाल फूलभँवरे मतवाले का मधुर गानसौन्दर्य...