सुप्रभात वंदन -नमन वंदन वीणावादनी
नमन वंदन वीणावादनी,
सुर नर मुनि जन पूजे ज्ञानी।
वाणी में विराजती माता,
माँ शारदे बड़ी वरदानी।।
राह सच जो चलता हमेशा,
ज्ञान मातु नित नित वह पाया।
मिले नित साहस लेखनी को,
मातु शरण मैं तेरे आया।।
…….भुवन बिष्ट