होली सम्बन्धी दोहे- हरीश
हृदय-उद्गार--होली सम्बन्धी दोहे
holi
----------------------------------------दिया संस्कृति ने हमें,अति उत्तम उपहार,इन्द्रधनुष सपने सजे,रंगों का त्यौहार।1।नव पलाश के फूल ज्यों,सुन्दर गोरे अंग,ढ़ोल-मंजीरा थाप पर,थिरके बाल-अनंग।2।मलयज को ले अंक में,उड़े अबीर-गुलाल,पन्थ नवोढ़ा देखती,हिय में शूल मलाल।3।कसक पिया के मिलन की,सजनी अति बेहाल,सराबोर…
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