हम तुम छेड़ें राग-बाबू लाल शर्मा

Kavita-bahar-Hindi-doha-sangrah

सरसी छंद विधान:-१६ + ११ मात्रा ,पदांत २१(गाल) चौपाई+दोहा का सम चरण हम तुम छेड़ें राग बीत बसंत होलिका आई,अब तो आजा मीत।फाग रमेंगें रंग बिखरते,मिल गा लेंगे गीत। खेत फसल सब हुए सुनहरी,कोयल गाये फाग।भँवरे तितली मन भटकाएँ,हम तुम छेड़ें राग। घर आजा अब प्रिय परदेशी,मैं करती फरियाद।लिख कर भेज रही मैं पाती,रैन दिवस … Read more

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होली चालीसा – बाबू लाल शर्मा

होली चालीसा – बाबू लाल शर्मा याद करें प्रल्हाद को,भले भलाई प्रीत।तजें बुराई मानवी, यही होलिका रीत।। हे शिव सुत गौरी के नंदन।करूँ आपका नित अभिनंदन।।१ मातु शारदे वंदन गाता।भाव गीत कविता में आता।।२ भारत है अति देश विशाला।विविध धर्म संस्कृतियों वाला।।३ नित मनते त्यौहार अनोखे।मेल मिलाप,रिवाजें चोखे।।४ दीवाली अरु ईद मनाएँ।फोड़ पटाखे आयत गाएँ।।५ … Read more

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होलिका दहन पर कविता-प्रवीण त्रिपाठी

होलिका दहन पर कविता मधुमासी ऋतु परम सुहानी, बनी सकल ऋतुओं की रानी।1ऊर्जित जड़-चेतन को करती, प्राण वायु तन-मन में भरती।2कमल सरोवर सकल सुहाते, नव पल्लव तरुओं पर भाते।3पीली सरसों ले अंगड़ाई, पीत बसन की शोभा छाई।4 वन-उपवन सब लगे चितेरे, बिंब करें मन मुदित घनेरे।5आम्र मंजरी महुआ फूलें, निर्मल जल से पूरित कूलें।6कोकिल छिप … Read more

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होलिका दहन – कज प्रियम

होलिका दहन – कज प्रियम बुराई खत्म करने का प्रण करेंआओ फिर होलिका दहन करें।औरत की इज्जत का प्रण करें,आओ फिर होलिका दहन करें। यहां तो हर रोज जलती है नारीदहेज कभी दुष्कर्म की है मारीरोज कोई रावण अपहरण करेपहले इनका मिलकर दमन करेआओ फिर….. हर घर प्रह्लाद सा कुंठित जीवनमां बाप के सपनों मरता … Read more

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