हम तुम छेड़ें राग-बाबू लाल शर्मा
सरसी छंद विधान:-१६ + ११ मात्रा ,पदांत २१(गाल) चौपाई+दोहा का सम चरण हम तुम छेड़ें राग बीत बसंत होलिका आई,अब तो आजा मीत।फाग रमेंगें रंग बिखरते,मिल गा लेंगे गीत। खेत फसल सब हुए सुनहरी,कोयल गाये फाग।भँवरे तितली मन भटकाएँ,हम तुम छेड़ें राग। घर आजा अब प्रिय परदेशी,मैं करती फरियाद।लिख कर भेज रही मैं पाती,रैन दिवस … Read more