Tag: हनुमानजी पर कविता

हनुमान जी बजरंगबली के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह है। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वायु अथवा पवन (हवा के देवता) ने हनुमान जी को पालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शिवमहापुराण में भगवान शिव के उन्नीस अवतारों का वर्णन है। जिसमें भगवान हनुमान को उनके सभी अवतारों में श्रेष्ठ माना गया है। हनुमान जी के पूर्व जन्म के बारे में महर्षि वाल्मीकि ने मूल रामायण में विस्तारपूर्वक लिखा है।

  • हनुमान जी पर छंद कविता

    hanuman hindi poem

    हनुमान जी पर छंद कविता


    सबसे न्यारे, राम दुलारे,
    सब भक्तों के प्यारे हैं |
    घर-घर, द्वारे-द्वारे लगते,
    हनुमत के जयकारे हैं ||

    भक्ति भाव से भक्त पुकारे ,
    अंतर्मन से माने है |
    भक्तों में हैं भक्त बड़े प्रभु,
    सारा जग यह जाने है ||

    हनुमत की लीला इस जग में,
    मोह सभी को लेती है |
    भक्ति भाव मन में जागृत कर,
    सुखदायक फल देती है ||

    पार लगाते नैया सबकी ,
    भक्त शरण जो आते हैं |
    कष्ट सभी कट जाते उनके ,
    मनचाहा फल पाते हैं ||

    हरीश बिष्ट “शतदल”
    रानीखेत उत्तराखण्ड

  • जय हनुमान तुम्हारा वंदन

    जय हनुमान

    शक्तिपुंज ! सब विघ्न विनाशक
    रामदूत वैभव सुखदायक
    संकट-मोचक मारुति-नंदन
    जय हनुमान तुम्हारा वंदन

    1

    हे कपीश बुध्दिबल स्वामी
    अंजनि तनय पवनसुत नामी
    गुणसागर सुखपर्वत धामी
    जय हनुमान तुम्हारा वंदन

    2

    हे बजरंग ज्ञान के बादल
    बरस जाओ उर कर दो निर्मल
    द्वेष – मोह के काटो जंगल
    जय हनुमान तुम्हारा वंदन

    3
    राम ध्वजा इक हाथ विराजे
    दूजे हाथ बज्र यम साजे
    सियाराम के पूरण काजे
    जय हनुमान तुम्हारा वंदन

    4
    सेवक धर्म तुम्हीं से उज्जवल
    है प्रमाण सागर का जल बल
    सीता मां को कर दिया विह्वल
    जय हनुमान तुम्हारा वंदन

    5

    तुमने सागर लांघ ही डाला
    कोई नहीं तुमसा मतवाला
    भानु कपोल में तुमने संभाला
    जय हनुमान तुम्हारा वंदन

    6

    सूक्ष्म रूप धरि सिय हर्षाये
    विकट रूप में लंक जलाये
    सकल काज कर प्रभु मन भाये
    जय हनुमान तुम्हारा वंदन

    7
    रावण का कर के यश मर्दन
    पूंछ जला किये लंका दाहन
    मुदित हुए कर सागर मज्जन
    जय हनुमान तुम्हारा वंदन
    संकट-मोचक मारुति-नंदन

    रमेश

  • जय जय हनुमान पर कविता हिंदी में – बाबूराम सिंह

    जय जय हनुमान पर कविता

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    हिंदी हनुमान जी पर कविता

    जय भक्त शिरोमणि शरणागत जय हो कृपानिधान।
    जयबजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय जय हनुमान।।

    जय आनंद कंदन केशरी नंदन जग वंदन शुभकारी।
    जय मद खलगंजन असुरनिकंदन भवभंजन भयहारी।
    जय जयजनपालक द्रुतगतिचालक सुचिमय फलहारी।
    जय श्रीहरि धावन प्रभु गुणगावन पावन प्रेम पुजारी।

    जय अंजनी लाला शुभ योग निराला जय महिमान।
    जय बजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय-जय हनुमान।

    जय संकट मोचन विभुलोचन जयमनमोहक मधुरारी।
    जय कौतुककारक शोकनिवारक जय उत्तमब्रह्मचारी।
    जय हनुमत बाला सूक्ष्म बिशाला सुर संतन हितकारी।
    जय सुरसा उध्दारक शुचि तारक वानरजूथ बलकारी।

    लंका जारक अक्षय मारक जय हे अतुलित बलवान।
    जय बजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय-जय हनुमान।

    जय पथ प्रदर्शक बल बर्द्धक जय जय करुणा सागर।
    जय भाग्यविधाता श्रेष्ठ ज्ञान ज्ञाता दाता में अतिनागर।
    जय विकटानन मर्दि दशानन पटक दियो जस गागर।
    जय भक्ति प्रपति शरणागति दाता हरि सेवा में आगर।

    महिसागर कानन विजयानन देहु चरणमें भक्तिदान।
    जय बजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय जय हनुमान।

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    बाबूराम सिंह कवि
    बड़का खुटहाँ , विजयीपुर
    गोपालगंज(बिहार)841508

    मो०नं० – 9572105032
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