मीन सिंधु में दहक रही

मीन सिंधु में दहक रही बड़वानल की लपटों में घिरमीन सिंधु में दहक रही।आग हृदय की कौन बुझाएनदियाँ झीलें धधक रही।। मौन हुई बागों में बुल बुलधुँआ घुली है पुरवाईसन्नाटों के ढोल बजे हैंशोक मनाए शहनाई अमराई में बौर झरे सबबया रुदन मय चहक रही।बड़वानल……………….।। सृष्टा का वरदान बताकरशोषण किया धरोहर काभँवरे ने भी खून … Read more

शीतऋतु के भोर पर कविता

शीतऋतु के भोर पर कविता भोर कुहासा शीत ऋतुतैर रहे घन मेह।बगिया समझे आपदावन तरु समझे नेह।।.तृषित पपीहा जेठ मेंकरे मेह हित शोरपावस समझे आपदाकोयल कामी चोर करे फूल से नेह वहमन भँवराँ नर देह।भोर……………..।।.ऋतु बासंती आपदासावन सिमटे नैनविरहा तन मन कोकिलाखोये मानस चैन पंथ निहारे गेह कायाद करे हिय गेह।भोर…………….।। याद सिंधु को कर … Read more

गीत-सूनी सूनी संध्या भोर पर कविता

संध्या भोर पर कविता काली काली लगे चाँदनीचातक करता नवल प्रयोग।बदले बदले मानस लगतेरिश्तों का रीता उपयोग।। हवा चुभे कंटक पथ चलतेनीड़ों मे दम घुटता आजकाँप रहा पीला रथ रवि कासिंहासन देता आवाजझोंपड़ियाँ हैं गीली गीलीइमारतों में सिमटे लोग।बदले…………………।। गगन पथों को भूले नभचर,सागर में स्थिर है जलयानरेलों की सीटी सुनने कोवृद्ध जनों के तरसे … Read more

जीत पर कविता

जीत पर कविता काल चाल कितनी भी खेले,आखिर होगी जीत मनुज कीइतिहास लिखित पन्ने पलटो,हार हुई है सदा दनुज की।। विश्व पटल पर काल चक्र ने,वक्र तेग जब भी दिखलाया।प्रति उत्तर में तब तब मानव,और निखर नव उर्जा लाया।बहुत डराये सदा यामिनी,हुई रोशनी अरुणानुज की।काल चाल कितनी भी खेले,आखिर,………………….।। त्रेता में तम बहुत बढा जब,राक्षस … Read more

याराना पर कविता

याराना पर कविता साहिल पर आना मेरे यार मुझे तेरी याद सताती हैतेरी बातें मुझे बीते कल की याद दिलाती हैंसाहिल पर आना मेरे यार मुझे तेरी याद सताती है।1)जब तू मुझे कभी बुलाता हैयादों की सेज पर सुलाता हैवो प्रेम भरी शय्या मुझको जल्दी सुलाती हैसाहिल पर आना———————-॥ 2)जब तू मुझे कभी भी मिलता … Read more