नारा भर हांकत हन (व्यंग्य रचना)
एकर सेती भैया हो , जम्मो मनखे मन,ला मिलजुल के,लालच ला दुरीहा के पर्यावरण बचाए बर कुछ करना
पड़ही। लेकिन ये हा केवल…
कविता
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0 महदीप जंघेल के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .