आखिर हम मजदूर है- कविता, महदीप जंघेल
मजदूर विश्व निर्माता है। संसार में उसके बिना विकास कार्य संभव नहीं है। मजदूर श्रम के पुजारी है। उन्हें मेरा नमन है।
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0 महदीप जंघेल के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
मजदूर विश्व निर्माता है। संसार में उसके बिना विकास कार्य संभव नहीं है। मजदूर श्रम के पुजारी है। उन्हें मेरा नमन है।
परिवार के बिना इंसान का कोई वजूद नही है।
हर मनुष्य परिवार के लिए ही जीता और मरता है।
परिवार में मिलजुलकर रहने से हर कार्य सरलता से संपन्न हो जाता है।
बुरे वक्त में हमारा धैर्य और आत्मविश्वास हमे संबल प्रदान करती है।
अतः आपातकाल में भी टूटना नही है। वक्त महान होता है।
बुरा वक्त भी गुजर जाएगा,कविता, महदीप जंघेल
कोरोना कइसे भागही – महदीप जंघेल दारू भट्ठी में भीड़ ल देखके,मोला लगथे अकबकासी।कोरोना बेरा मा अइसन हालत ले,लगथे अब्बड़ कलबलासी। बिहनिया ले कतार म ठाढ़ होके,घाम पियास म अइंठत हे,सियनहीन गाय सरी ठाढ़े-ठाढ़े ,हफरत लाहकत हे। धरे पइसा,लपेटे मुहूँ मा गमछा,अगोरा मा खड़े हवय।कोरोना ल भुलागे,एक ठन काबर,दू ठन बर धरे हवय। नशाखोरी के … Read more
ऊर्जा संरक्षण पर कविता – महदीप जंघेल आओ मिलकर ऊर्जा दिवस मनाएँ।ऊर्जा की बचत का महत्व समझाएँ।। टीवी,पंखा,कूलर,बल्ब में ऊर्जा बचाएँ।आवश्यकता हो तभी, इसे उपयोग में लाएँ।। कच्चे तेल,कोयला,गैस की ,मांग निरन्तर बढ़ रही है।अंधाधुंध उपभोग से ,प्राकृतिक संसाधन घट रही है। ऊर्जा उपयोग कम करने का,लाभ जन-जन को बतलाएँ।भविष्य में उपयोग कैसे हो,महत्व इसका … Read more