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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0 महदीप जंघेल के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

  • आखिर हम मजदूर है- कविता, महदीप जंघेल

    आखिर हम मजदूर है- कविता, महदीप जंघेल

    मजदूर जिसे श्रमिक भी कहते हैं। मानवीय शक्ति के द्वारा जिसमें दिमागी कार्य,शारीरिक बल और प्रयासों से जो कार्य करने वाला होता है, उसे ही मजदूर कहा जाता है। कार्य करने के उपरान्त जो कार्य को अपनी मेहनत के द्वारा अपनी मानवीय शक्ति को बेच कर करे, उसी का नाम मजदूर कहा गया है।

    1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 May International Labor Day

    आखिर हम मजदूर है (मजदूर दिवस) विधा -कविता

    हम मजदूर है,
    मजदूरी हमारा काम।
    पत्थर से तेल निकाला हमने,
    नही हमेआराम।
    कंधे अड़ा दे, तो
    हर काम बन जाए,
    हाथ लगा दे,तो
    बड़ा नाम बन जाए।
    मेहनत मजूरी हम करते,
    बड़े से बड़ा काम होता है।
    पसीने की बूंद हम टपकाते,
    औरों का नाम होता है।
    सड़क पुल हमने बनाया,
    दुनिया को हमने सजाया।
    हमे सिर्फ मेहनत मजूरी मिली,
    इनाम और नाम किसी और ने पाया।
    दुनिया का हर कार्य हमने किया,
    विकास का पथ हमने दिया।
    हर कार्य में कंधे लगाया,
    नाम दाम किसी और ने पाया।
    मेहनत पूरी की, फिर भी
    वजूद नही,आखिर हम मजदूर है।
    रोज खाने रोज कमाने को ,
    आखिर हम मजबूर है।
    बडा घर ,बड़ा महल बनाया,
    जीते जी कभी न रह पाया।
    झुग्गी झोपड़ी में रहने को ,
    हम मजबूर है।
    आखिर हम एक मजदूर है।
    हमने सब कुछ किया,
    अपना जीवन समर्पित किया।
    विश्व की प्रगति हेतू,
    तन मन अर्पित किया।
    हम एक मजदूर,
    झोपड़ी में रहने को मजबूर।
    न कोई सुविधा न कोई राहत,
    आखिर हम एक मजदूर।
    न कोई गम ,न कोई दुःख,
    हम साहसी और मजबूत है।
    हमारी मेहनत से ये दुनिया टिका है,
    लाचार नही ,
    हम मेहनतकश मजदूर है।

    महदीप जंघेल
    खमतराई,खैरागढ़

  • परिवार का महत्व- कविता महदीप जंघेल

    परिवार का महत्व – कविता

    परिवार

    चाहे दुःख हो,चाहे सुख,
    परिवार ही देता है साथ ।
    चाहे खुशी हो ,चाहे गम
    उनका ही रहता है साथ।

    चाहे गम के बादल छाए,
    दुःख की धारा बहती जाए।
    हौसला बढ़ाने आता है आगे,
    परिवार का ही हाथ।
    चाहे दुःख हो ,चाहे सुख,
    परिवार ही देता है साथ।

    मिलजुलकर रहने में ही,
    सबकी भलाई है।
    हर परिवार में होता,
    प्यार और लड़ाई है।

    बड़ा निर्णय लेना हो,
    बड़े कार्य करने हो,
    सरलता से सुलझ जाता है,
    हर काज।
    क्योंकि परिवार को,
    मिलता है परिवार का साथ।

    परिवार है तो हम है,
    हम है तो परिवार।
    परिवार बिना जीवन सूना,
    लगे घोर अंधकार।

    किसके लिए जिएं,
    क्या खोएंगे ,क्या पाएंगे।
    खाली हाथ आए थे,
    और खाली हाथ जाएंगे।

    परिवार बिना जग सूना,
    निहित पूर्ण संसार।
    इसके बिना जीवन अधूरा,
    यही स्वर्ग का द्वार।

    माता पिता बच्चे बूढ़े,
    सबका है औचित्य,
    बच्चे अगर है तारे ,
    तो बड़े बुजुर्ग आदित्य।

    प्यार दुलार सब कुछ मिलता,
    परिवार के पिटारे में,
    रौशनी दमकती रहती है,
    परिवार रूपी सितारे में।

    सुख में चाहे दुःख में ,
    परिवार का होता साथ।
    संबल देने ,हौसला बढ़ाने,
    परिवार का ही होता हाथ।

    परिवार के बगैर किसी का कोई औचित्य नहीं है। हर इंसान परिवार के लिए जीता और मरता है।

    📝महदीप जंघेल
    खमतराई, खैरागढ़

  • बुरा वक्त भी गुजर जाएगा,कविता, महदीप जंघेल

    बुरा वक्त भी गुजर जाएगा,विधा – कविता

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    धीरज रखो,आस रखो,
    और प्रभु में विश्वास रखो।
    समय का खेल है,
    एक सा नही होता,
    सब सुधर जायेगा,
    ये बुरा वक्त भी,
    एक दिन गुजर जाएगा।

    किसी के लिए अच्छा,तो
    किसी के लिए बुरा है।
    किसी का दर्द आधा,
    तो किसी का पूरा है।
    सिकंदर महान नही होता,
    वक्त महान होता है।
    देखना ये काला दिन भी,
    पता नही किधर जाएगा।
    ये बुरा वक्त भी,
    एक दिन गुजर जाएगा।

    वायरस का काल है,
    मन में भय का भूचाल है।
    जिंदगी बचाने की,
    माहौल हाहाकार है।
    अपनो को खो रहे,
    गम का बोझ ढो रहे।
    निश्चित ही शांति का,
    माहौल जरूर आएगा।
    ये बुरा वक्त भी,
    एक दिन गुजर जाएगा।

    वक्त रास्ता दिखला जायेगी,
    जीवन जीना सिखला जायेगी।
    वक्त के आगे न टिक सका,
    न टिकेगा कोई इंसान।
    वक्त के आगे इंसान शैतान क्या,
    झुक जाते है भगवान।
    धैर्य रखो आस रखो,
    और प्रभु में विश्वास रखो।
    दुःख का बादल भी ,
    न जाने किधर जाएगा।
    ये भय दुःख का वातावरण,
    जल्दी सुधर जाएगा।
    ये बुरा वक्त भी,
    एक दिन गुजर जाएगा।

    📝 महदीप जंघेल
    खमतराई, खैरागढ़

  • कोरोना कइसे भागही – महदीप जंघेल

    कोरोना कइसे भागही – महदीप जंघेल

    दारू भट्ठी में भीड़ ल देखके,
    मोला लगथे अकबकासी।
    कोरोना बेरा मा अइसन हालत ले,
    लगथे अब्बड़ कलबलासी।

    बिहनिया ले कतार म ठाढ़ होके,
    घाम पियास म अइंठत हे,
    सियनहीन गाय सरी ठाढ़े-ठाढ़े ,
    हफरत लाहकत हे।

    धरे पइसा,लपेटे मुहूँ मा गमछा,
    अगोरा मा खड़े हवय।
    कोरोना ल भुलागे,एक ठन काबर,
    दू ठन बर धरे हवय।

    नशाखोरी के फेर म पड़ के,
    कोरोना असन बीमारी ल भुलागे।
    अइसे झपावत हे जइसे,
    कोरोना के दवई ल पागे।

    संगी हो अइसने में हमर देश ले ,
    कोरोना कइसे भागही।
    कोन जनि अइसन अनचेतहा मन के,
    अंतस ह कब जागही।

    बड़े- बड़े बलशाली देश के गति ल,
    देख के थोरको समझ जाहु।
    दुरिहा-दुरिहा रेहेअउ मास्क लगाये बर
    एक्को झन भुलाहु।

    कोरोना जइसन जीवलेवा रोग ला ,
    खेलवना झन बनाहु।
    नइ त अपन जिनगी ल ,
    दुबारा नइ देख पाहु।

    एक दूसर ले दूरी बनाके रखव,
    दुरिहा ले गोठियावव,
    मास्क लगाके निकलो घर ले,
    साबुन से बार -बार हाथ धोवव,

    सुरता रखव जम्मो बात के,
    रखव साफ सफाई आसपास।
    कोरोना सिरतोन मा भागही,
    अपन सुरक्षा अपने हाथ।

    जय जोहार……

    ✍️रचनाकार
    महदीप जंघेल
    निवास ग्राम-खमतराई
    तहसील-खैरागढ़
    जिला-राजनांदगांव(छ.ग)

  • ऊर्जा संरक्षण पर कविता-महदीप जंघेल

    ऊर्जा संरक्षण पर कविता – महदीप जंघेल

    आओ मिलकर ऊर्जा दिवस मनाएँ।
    ऊर्जा की बचत का महत्व समझाएँ।।

    टीवी,पंखा,कूलर,बल्ब में ऊर्जा बचाएँ।
    आवश्यकता हो तभी, इसे उपयोग में लाएँ।।

    कच्चे तेल,कोयला,गैस की ,
    मांग निरन्तर बढ़ रही है।
    अंधाधुंध उपभोग से ,
    प्राकृतिक संसाधन घट रही है।

    ऊर्जा उपयोग कम करने का,
    लाभ जन-जन को बतलाएँ।
    भविष्य में उपयोग कैसे हो,
    महत्व इसका समझाएँ।।

    वर्तमान में ऊर्जा बचाकर ,
    इसमें ही जीवन चलाएँगे।
    भविष्य में नौनिहालों का ,
    जीवन खुशहाल बनाएँगे।

    ऊर्जा संरक्षण में सभी मिलकर,
    करें कुछ अच्छे काम।
    करें प्रेरित सबको बचत ऊर्जा का,
    हो अपने देश का रौशन नाम।।

    आओ मिलकर ऊर्जा दिवस मनाएँ।
    ऊर्जा संरक्षण में जनजागरूकता लाएँ।

    सन्देश- ऊर्जा की बचत करें,
    एवं दूसरों को प्रेरित करें।

    ✍️रचनाकार – महदीप जंघेल
    निवास ग्राम- खमतराई
    तहसील- खैरागढ़
    जिला-राजनांदगांव(छ.ग)