वन्दनवार:भारतीय के शत्रु हैं भारतीय ही आज

वन्दनवार:भारतीय के शत्रु हैं भारतीय ही आज =================गुरु की आज्ञा मानकर, केरल की छवि देख। रहने वालों पर लिखे, सबने सुन्दर लेख। १।सबके लेखों में मिले, जीवन सुखमय गान। शंकर के इस लेख को, मिली अलग पहचान।२। भारतीय हैं मानते, अतिथि देव की रीति ।इसीलिए आगंतुकों, से करते हैं प्रीति ।३।किन्तु परस्पर हैं बँटे, पाने … Read more

माँ कामाख्या की कथा

माँ कामाख्या की कथा =================माँ कामाख्या की कथा, बता रहा है दीन। जिसकी सम्पति लुट चुकी, तन-मन भी है क्षीन।। यही दीन ऋण बोझ से , था संतप्त मलीन। सूदखोर प्रति दिन कहे , सूद पटा दे दीन।। था गरीब पर आन थी, उसकी भी कुछ शेष। माँ कामाख्या की करे, पूजा नित्य विशेष।। साहूकार … Read more

माघ शुक्ल सप्तमी

माघ शुक्ल सप्तमी माघ शुक्ल की सप्तमी,रवि का आविर्भाव।लिखा भविष्य पुराण में,अविचल अंड प्रभाव ।।अधिक दिनों तक थे स्वयं,सूर्य देव भी अंड ।इसीलिए है नाम भी,उनका श्री मार्तण्ड।।यह तिथि है अति पुण्य की ,अचला, भानु, अर्क।सुत दायक भी कह रहे,करके तर्क-वितर्क।।नारद नाम पुराण में,कही गई यह बात।यही त्रिलोचन की तिथि,है जग मे विख्यात।।इसमे स्नान-दान का,श्राद्ध … Read more

सभी विद्या की खान है माता

सभी विद्या की खान है माता सभी विद्या, सुधी गुण की,अकेली खान है माता।इन्हे हम सरस्वती कहते,यही सब ज्ञान की दाता।इन्हे तो देव भी पूजें,पड़े जब काम कुछ उनका-सदा श्रद्धा रहे जिसमे,इन्हे वह भक्त है भाता। सदा माँ स्वेत वस्त्रों मे,गले मे पुष्प माला है।लिए पुस्तक तथा वीणा,वहीं पर हाथ माला है।स्वयं अभ्यास रत दिखतीं,यही … Read more

माघ शुक्ल बसंत पंचमी पर कविता

माघ शुक्ल बसंत पंचमी पर कविता माघ शुक्ल की पंचमी,भी है पर्व पुनीत।सरस्वती आराधना,की है जग में रीति।। यह बसंत की पंचमी,दिखलाती है राह।विद्या, गुण कुछ भी नया,सीखें यदि हो चाह।। रचना, इस संसार की,ब्रह्मा जी बिन राग।किये और माँ शक्ति ने,हुई स्वयं पचभाग।। राधा, पद्मा, सरसुती,दुर्गा बनकर मात।सरस्वती वागेश्वरी,हुईं जगत विख्यात।। सभी शक्ति निज … Read more