दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है।
चंद्रघंटा माता पर कविता
चंद्रघंटा देवी माता
सौम्य शांत रूप भाता
अलौकिक स्वरूप है
श्रद्धा से मनाइए।।
सिंह की सवारी करे
हाथों में शस्त्रास्त्र धारे
सिर अर्द्धचंद्र घंट
स्वरूप निहारिये।।
स्वर्णिम रूप है प्यारा
सारी दुनिया से न्यारा
वरदान देती है माँ
ज्योत को जलाइए।।
भक्तों को निर्भय करे
दुष्टो का संहार करे
करे माँ दुखभंजन
भक्ति अपनाइए।।
दस हाथ शस्त्र धारे
असुरों को सदा मारे
रूप अनोखा जिनका
माता को मनाइए।।
ज्योत जले जगमग
माता मिले पगपग
मिलकर करे पूजा
मन को लगाइये।।
मात चंद्रघंटा मिले
जीवन खुशी से चले
नवदुर्गा का रूप है
श्रद्धा को जगाइए।।
शिवशंकर भामिनी
भुक्ति व मुक्तिदायिनी
देती अभयदान जो
साधना से पाइए।।
©डॉ एन के सेठी
बाँदीकुई (दौसा)राज
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद