कर्म पर दोहे -डॉ एन के सेठी

कर्म पर दोहे -डॉ एन के सेठी भाग्य कर्म के बीच में , भाग्य बड़ा या कर्म।कर्म बनाता भाग्य को,यही मनुज का धर्म।। कर्म करे तो फल मिले,कर्म न निष्फल होय।कर्महीन जो ना करे ,जीवन का फल खोय।। कर्मगति है बड़ी गहन , इसे न समझे कोय।जो समझे सत्कर्म को, निष्कामी वह होय।। कर्म बिना … Read more

त्याग और विश्वास जहाँ हो सच्चा प्रेम वही है- डॉ एन के सेठी

सच्चा प्रेम वही प्रेम करो निस्वार्थ भाव सेस्वार्थ प्रेम नही है।त्याग और विश्वास जहाँ होसच्चा प्रेम वही है।। बिना प्रेम के ये जीवन हीलगता सूना सूना ।प्रेम होय यदि जीवन में तोविश्वास बढे दूना।। ईश्वर की स्वाभाविक कृति हैप्रेम कृत्रिम नही है।प्रेम में होती उन्मुक्ततास्वच्छन्दता नही है।। प्रेम बस देना जानता हैनाम नहीं लेने का।आकंठ … Read more

नारी पर आधारित कविता

नारी पर आधारित कविता नारी जगत का सार     नारी सृष्टि काआधार         जननी वो कहलाती              मान उसे दीजिये।।             ???नारी ईश्वर का रूप     उसकी शक्ति अनूप         देती है सबको प्यार              उसे खुश कीजिये।।  … Read more

अनेकता में एकता कविता- डॉ एन के सेठी

अनेकता में एकता कविता                           (1)हमे वतन  से प्यार है ,भारत  देश  महान।अनेकता में एकता ,  इसकी है पहचान।।इसकी  है  पहचान ,  ये  है  रंग  रंगीला।मिल जाते सबरंग , गुलाबी नीला पीला।।कहे नवलनवनीत ,महिमा बड़ीअपार है।संस्कृतिहै प्राचीन ,हमको इससे प्यार है।।     … Read more

स्नेह का दीप पर कविता -डॉ एन के सेठी

स्नेह का दीप पर कविता जगमग हो जाए हर कोनाहरेक चीज लगे अब सोनाहर दुख का हो जाय शमनभर जाए खुशियों से दामनअंधियारा जग से मिट जाएएक स्नेह का दीप जलाए।।          ???विश्व में शांति का प्रसार होप्रेम और सद्भाव अपार होघर घर दीप करे उजियाराबढ जायआपसी भाईचाराचहुँ और चेतना फैल जाएएक … Read more