चित्र आधारित कविता: गाँव या ग्रामीण परिवेश पर कविता

village based Poem

चित्र आधारित कविता : गाँव या ग्रामीण परिवेश पर कविता , संपादक – आदरणीया कवयित्री रीता प्रधान जी , रायगढ़ , छत्तीसगढ़ गाँव या ग्रामीण परिवेश पर कविता मन चल उस गाँव में – प्रियदर्शनी आचार्य रवि रश्मियों का बाजिरथ, जहाँ उतरता गाँव मेंदूर क्षितिज के पार, प्रकृति की छाँव में ।मन चल उस गाँव … Read more

मनीलाल पटेल उर्फ़ मनीभाई नवरत्न की 50 कवितायेँ (खंड १)

manibhai Navratna

यहाँ पर मनीलाल पटेल उर्फ़ मनीभाई नवरत्न की 50 कवितायेँ एक साथ दिए जा रहे हैं आपको कौन सी कविता अच्छी लगी हो ,कमेंट कर जरुर बताएँगे. कविता 1 क्यों टोकाटाँकी करते हैं ? बच्चे अपने मन से जब जब   कुछ    नया    करते है।       असफलता भय से,              बुजुर्ग उन्हे,                  क्यों ?       टोकाटाँकी करते हैं।                 जिस               … Read more

सुमित्रानंदन पंत की १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

परिवर्तन / सुमित्रानंदन पंत (१)अहे निष्ठुर परिवर्तन!तुम्हारा ही तांडव नर्तनविश्व का करुण विवर्तन!तुम्हारा ही नयनोन्मीलन,निखिल उत्थान, पतन!अहे वासुकि सहस्र फन!लक्ष्य अलक्षित चरण तुम्हारे चिन्ह निरंतरछोड़ रहे हैं जग के विक्षत वक्षस्थल पर !शत-शत फेनोच्छ्वासित,स्फीत फुतकार भयंकरघुमा रहे हैं घनाकार जगती का अंबर !मृत्यु तुम्हारा गरल दंत, कंचुक कल्पान्तर ,अखिल विश्व की विवरवक्र कुंडलदिग्मंडल ! (२)आज कहां वह पूर्ण-पुरातन, … Read more

प्रकृति बड़ी महान/यदि मैं प्रकृति होती

Global-Warming-

प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक प्रकृति है जो कि प्रकृति विषय वस्तु को आधार मानकर रची गई है। यह स्वरचित कविता है। दो कविताएं हैं। पहली में प्रकृति का महत्व बताया गया है और दूसरी में खुद प्रकृति बनकर प्रकृति से पूरी होने वाली जरूरत का अहसास दिलाने की कोशिश की गई है।