आज का नेता पर कविता
आज का नेता पर कविता जहाँ बहरी सियासत है, जहाँ कानून है अंधा।करें किसपे भरोसा तब, जहाँ पे झूठ है धँधा।विचारों पे लगा पहरा,बड़ा ये ज़ख्म है गहरा,भला क्या देश…
आज का नेता पर कविता जहाँ बहरी सियासत है, जहाँ कानून है अंधा।करें किसपे भरोसा तब, जहाँ पे झूठ है धँधा।विचारों पे लगा पहरा,बड़ा ये ज़ख्म है गहरा,भला क्या देश…
इन्हें पहचान !~~~~~~~~~~~~~कितने राजनेताओं के सुपुत्रसरहद में जाने बना जवान !कितने नेता हैं करते किसानीये सुन तुम न होना हैरान !बस फेकने, हाँकने में माहिरजनता को भिड़ाने में महान !भाषण…
छात्र राजनीति और राजनीतिक संस्कार (सामयिक प्रतिक्रिया ) हमारे महाविद्यालय में कल यानी 28.02.2020 को वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम के दौरान कुछ निराशाजनक…