श्याम चौपाई-पुष्पा शर्मा “कुसुम”
श्याम चौपाई श्याम भक्ति मीरा मन भाई।दीन्हे सकल काज बिसराई ।।करहि भजन सेवा अरु पूजा।एक देव और नहीं दूजा।। नाचहि गावहि धरियहि ध्याना ।प्रेम सहित गिरधर पति माना ।।सतत करहि सन्तन सन्माना।रचना कर गावहि पद नाना । राणा का जब कहा न मानाकुपित भये दीन्हे दुख नाना ।।चरणामृत कह विष भिजवाया ।पीवत मुदित परम सुख … Read more