मौसम कुछ उदास है- रीता प्रधान
मौसम कुछ उदास है- रीता प्रधान दिलों में जाने क्यों,बाकी न कोई एहसास है।एक भाई को ही दूजे भाई की,जाने क्यों खून की प्यास है।प्रकृति तो उदास बैठी ही थी,अब दिलों का भी मौसम कुछ उदास है। जवानी आते जाने कहां ,चला जाता है बचपन का प्यार।घरवाले ही घरवालों पर,जाने क्यों करते हैं अत्याचार।देख दशा … Read more