Tag: शबरी ( रामायण पात्र )पर हिंदी कविता
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शबरी का बेर
कविता -शबरी के बेर शबरी का वह बेर नही था सच्ची भक्ती प्रेम वही था ना छुआछूत ना जाति पात भाव भक्ति अनमोल वही था…
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शबरी (अनुगीत छंद) – बाबू लाल शर्मा
विधान– २६ मात्रा प्रति चरण चार चरण दो-दो समतुकांत हो १६,२६ वीं मात्रा पर यति हो चरणांत लघु १ हो।
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शबरी के बेर(चौपाई छंद)
शबरी के बेर(चौपाई छंद) त्रेता युग की कहूँ कहानी।बात पुरानी नहीं अजानी।।शबरी थी इक भील कुमारी।शुद्ध हृदय मति शील अचारी।।१ बड़ी भई तब पितु की…