मैं हर पत्थर में तुम्हीं को देखता हूँ
मैं हर पत्थर में तुम्हीं को देखता हूँ,मैं हर पत्थर में तुम्हीं को देखता हूँ,जब आँखों से मोहब्बत देखता हूँ।अब…
कविता
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०सागर गुप्ता “चंचल”के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .