उसे रूह में समाया है
रूह में समाया हैमाना के उसके जिस्म को भी मैंने चाहा हैमगर उस से ज्यादा उसे रूह में समाया है lये सावन…
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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर० सोहन लाल मुंडे के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .