ढोंगी पर कविता – सतीश बब्बा

ढोंगी पर कविता HINDI KAVITA || हिंदी कविता चलती रेल में एक पंडित,सफाचट मूँछें लम्बी चूँदी,देखता विरल नयनों से,बैठ सीट में आँखें मूँदी ! एक अधेड़ यात्री का,हाथ खोलकर लगा…