चुगली रस – विनोद सिल्ला
चुगली रस मीठा चुगली रस लगे, सुनते देकर ध्यान। छूट बात जाए नहीं, फैला लेते कान।। चुगलखोर सबसे बुरा, कर दे आटोपाट।नारद से आगे निकल, सबकी करता काट।। चुगली सबको मोहती, नर हो चाहे नार।चुगली के फल तीन हैं, फूट द्वेष तकरार।। चुगली निंदा जो करें, सही नहीं वो लोग।चुगल पतन की ओर है, पड़े … Read more