आर आर साहू-भावभरे दोहे

भावभरे दोहे प्रकृति प्रदत्त शरीर में,नर-नारी का द्वैत।प्रेमावस्था में सदा,है अस्तित्व अद्वैत।। पावन व्रत करते नहीं,कभी किसी को बाध्य।व्रत में आराधक वही, और वही आराध्य ।। परम्पराएँ भी वहाँ,हो जाती निष्प्राण।जहाँ कैद बाजार में,हैं रिश्तों के प्राण।। एक हृदय से साँस ले, प्रियतम-प्रिया पवित्र।श्रद्धा से विश्वास का,दिव्य सुगंधित इत्र।। भाव सोच अवधारणा,होते शब्द प्रतीक।देश काल … Read more

न आंसू न आहें न कोई गिला है-नीतू ठाकुर

न आंसू न आहें न कोई गिला है न आंसू ,न आहें,न कोई गिला है,लिखा भाग्य में जो वही तो मिला है,पुकारूँ किसे पूछती है हथेली,कभी जो दिया था उसी का सिला है। उजाड़ा गया बाग ऐसे हमारा,कभी जो बना था सभी का सहारा,सता के मुझे मुस्कुराए जमाना,कभी जो खिला ना वही तो खिला है। … Read more

रत्न चतुर्दश-डॉ एन के सेठी

रत्न चतुर्दश मंदराचल  को  बना  मथनी, रस्सी शेष को।देवदनुज सबने मिल करके,मथा नदीश को।।किया  अथक  प्रयास  सभी ने,रहे वहां डटे।करलिया प्राप्त मधुरामृत जब,सभी तभी हटे।।                     रत्न  चतुर्दश निकले  उससे, जो परिणाम था।सर्वप्रथम था  विष हलाहल, जो ना आम था।।तब पान किया शिव ने उसका,तारा सृष्टि … Read more

मदन मोहन शर्मा सजल की रचना

मदन मोहन शर्मा सजल द्वारा रचित रचनाएँ अभी बाकी है धीरे चल जिंदगी ज्वलंत सवालों के जवाब अभी बाकी है, जिसने भी तोड़े दिल ऐसे चेहरों से हिसाब अभी बाकी है, अंधियारी गहन रातों में ही बेहिचक संजोए हसीन पल, पूनम की रात और चांद चांदनी का शबाब अभी बाकी है, पीता रहा अश्कों के जाम सूनी … Read more

मां अमृता की कुर्बानी-अरुणा डोगरा शर्मा

मां अमृता की कुर्बानी  याद करो वो कहानी, मां अमृता की कुर्बानी ,काला था वो मंगल ,रोया घना जंगल ।  खेजराली हरियाली, पर्यावरण निराली, सुंदर वृक्षों का घर , रेतीली धरा पर।  वारी हूं मैं बलिहारी, हार गए अहंकारी ,प्राण आहूति देकर ,शिक्षा दी है  न्यारी।। ।।  अरुणा डोगरा शर्मायह घनाक्षरी माता अमृता देवी जी की याद में लिख रही … Read more