वो है परमात्मा- विजिया गुप्ता

वो है परमात्मा

सारे जहाँ से ऊपर
सारे धर्म,सम्प्रदाय,जाति से ऊपर
परम् सत्ता 
वो है परमात्मा

कण-कण में व्याप्त
विस्तृत,अतार्किक
घोर तिमिर में 
जुगनू की तरह ईश्वर

अदृश्य,अलौकिक
अनन्त,सर्वव्यापी
संचालन कर्ता परमात्मा

अखिल विश्व के 
हर एक पल में तुम हो प्रभु
कहीं प्रत्यक्ष,कहीं परोक्ष

अंतरिक्ष की शून्यता से
पृथ्वी की मुखरता तक
हे ईश्वर तुम ही तुम हो

पक्षियों के कलरव में
नदियों की कलकल में
पलकों के झपकने में
हृदय के स्पंदन में
केवल तुम हो

सकल चराचर जगत में
एक डोर मजबूत
निराकार परब्रम्ह का
सबसे बड़ा सबूत

सबका मालिक एक है
सार तत्व यह जान
जाति-धर्म के भेद में
मत पड़ रे इंसान……

विजिया गुप्ता
दुर्ग-छत्तीसगढ़
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

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