वतन पर कविता

जाबांज सिपाहियों के प्रति (26/11/2008 मुंबई ताज होटल )

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी।

महात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा गांधी की हत्या कर दी गयी थी। महात्मा गांधी के सम्मान में 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर शहीद दिवस मनाया जाता है।

वतन पर कविता

आओ झुक कर सलाम करें
उन्हें जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है।
बड़े खुशनसीब हैं वो
जिनका खून वतन के काम आता है ।


फिक्रमंद हैं वे हमारे लिए
निस्वार्थ सेवा में हमें बता दिया।
कितना लगाव है उनको हमसे
उनके त्याग ने यह जता दिया ।
अब आदत हो गई हमारी कि
हर पल लबों में उन्हीं का नाम आता है ।
बड़े खुशनसीब हैं वो
जिनका खून वतन के काम आता है।


बहुत कम होते हैं
जिसने सर्वस्व राष्ट्र पर लुटा दिया ।
खून का एक एक कतरा सींचकर
जन्मभूमि का ऋण चुका दिया ।
बेकार न जाता है कोई बलिदान
हर शहादत   पर एक अंजाम आता है
बड़े खुशनसीब हैं वो
जिनके खून वतन के काम आता है ।


उनकी कुर्बानी ने
सबकी सोई आत्मा जगा दी ।
मन के अंधियारें में
देश प्रेम की ज्योति जला दी ।
उनकी वीरता की तारीफ जुबान में
अब सरेआम आता है ।
बड़े खुशनसीब है वो
जिनका खून वतन के काम आता है.

मनीभाई नवरत्न

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