धनतेरस पर कविता

धनतेरस पर कविता

अमृत कलश के धारक,सागर मंथन से निकले।
सुख समृद्धि स्वास्थ्य के,देव आर्युवेद के विरले।
चार भुजा शंख चक्र,औषध अमृत कलश धारी।
विष्णु के अवतार हैं देव,करें कमल पर सवारी।
आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि,हैं आरोग्य के देवता।
कार्तिक त्रयोदशी जन्म हुआ,कृपा करें धनदेवता।
पीतल कलश शुभ संकेत,देते हैं यश वैभव भंडार।
आर्युवेद की औषध खोज,किया जगत का उद्धार।
धनतेरस को यम देवता की पूजा कर 13 दीये जलाएं।
धन्वंतरि जी कृपा करेंगे,यश सुख समृद्धि स्वास्थ्य पाएं।

सुन्दर लाल डडसेना”मधुर”

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

Leave a Reply