जय माँ दुर्गे तुम्हें प्रणाम

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवीशक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है।

जय माँ दुर्गे तुम्हें प्रणाम

अष्ट सिद्धि नौ निधियों वाली
जीवन में जो लाये दिवाली
जग में जिनकी शान निराली
उन चरणन में जगह बना ली
उन भक्तों को कोटि प्रणाम
हे जगदम्बे ! कोटि प्रणाम

2

दसों भुजा में शस्त्र सुशोभित
गदा चक्र त्रिशूल से मोहित
मांग सिंदूर नयन शत शोणित
नथ कपोल झुमका अति सज्जित
प्रलय ललाट दिखे अविराम
हे जगदम्बे ! कोटि प्रणाम

3

महिषासुर मर्दिनी की जय हो
रक्तबीज नाशिनी की जय हो
शुंभ निशुंभ हननी की जय हो
कलमंजरीरंजिनी की जय हो
शरण गहूँ तव आठो याम
हे जगदम्बे ! कोटि प्रणाम

4

कंचन थाल विराजत वाती
चौंसठ योगिनी मंगल गाती
कानन कुंडल ख़ूब सुहाती
नासिका मोती अतिशय भाती
हे माँ दुर्गे तुम्हे प्रणाम
हे जगदम्बे ! कोटि प्रणाम

5

दुर्गा पूजा में हैं संवरते
वस्त्र नवीन गात पर धरते
हाथ जोड़ तव दर्शन करते
रसगुल्ला प्रसाद मुंह भरते
विंध्यवासिनी माँ तव नाम
हे जगदम्बे ! कोटि प्रणाम

रमेश

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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