11 जुलाई 1987 को जब विश्व की जनसंख्या पाँच अरव हो गई तो जनसंख्या के इस विस्फोट की स्थिति से बचने के लिए इस खतरे से विश्व को आगाह करने एवं बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने हेतु 11 जुलाई 1987 को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा की गई। तब से ग्यारह जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अजी जनसंख्या बढ़ती जाय ‘
आचार्य मायाराम ‘पतंग
अजी जनसंख्या बढ़ती जाय ।
कुछ अब तो करो उपाय ।।
होय नाज कहाँ तक पूरो,
रह जावै सदा अधूरो।
भैया मिलें न सब्जी-दाल
घी, तेल होय ना पूरो ॥
काली रही दूध बिन चाय ।
दीखै ना कोई उपाय ॥
अजी….
बाजार सड़क नाय खाली ।
चहुँ ओर भीड़ मतवाली ।
लग रहे लाखन रूजगार
पर उनसू ज्यादा खाली ॥
सतत बेकारी बढ़ती जाय ।
कोई जल्दी करो उपाय ।।
अजी…
हम सबकी जिम्मेदारी ।
ये काम नहीं सरकारी ।
होवै जनसंख्या विस्फोट
फिर एटम बम से भारी ॥
अजी फिर नाश न रोको जाय ।
पहले ही करो उपाय ॥
अजी…