रूह की बस्ती में बसा लिया
रूह की बस्ती में बसा लिया हम तुझे छोड़ भी नहीं पाये, अलविदा कहकरदिल में तुम ही तुम हो, ख्वाबों-ख़यालों में रहकरइब्तिसाम तेरी क़यामत, रह गयी इन आँखों मेंभूलना तो चाहा बहुत, बेवफा है कहकरहम तुझे छोड़ भी नहीं पाये… ये शाम और ये शहर, भाता नहीं अब मुझकोजिन्दा हूँ यादों के सहारे, … Read more