तिरंगा शान- निर्मल नीर

तिरंगा शान   हमारी आन~प्राणों से बढ़करतिरंगा शान     पूजनीय है~माटी का कण-कणवन्दनीय है     भारत माता~बच्चा-बच्चा कुर्बानझुकता माथा     पावन माटी~वीरों के लहू सनीहै हल्दीघाटी     गौरव गाथा~प्यारे हिंदुस्तान कीविश्व है गाता. निर्मल नीर

झुकेगा सर नहीं अपना

झुकेगा सर नहीं अपना झुकेगा सर नहीं अपना, किसी तलवार के आगे।अटल होकर खड़े होंगे, बुरे  व्यवहार के आगे। बढ़ायेंगे कदम अपने, न जब तक लक्ष्य  हो हासिल।बढ़ेंगे नित्य हम अविचल, भले ही दूर हो मंज़िल।डरेंगे हम  नहीं अब तो, किसी प्रतिकार के आगे।1झुकेगा सर नहीं…… लगा कर शक्ति हम पूरी, बढ़ाएं नाव  को अपनी।न … Read more

अंतर्द्वंद्व बड़ा अलबेला

अंतर्द्वंद्व बड़ा अलबेला द्वंद्वभरी जीवन की राहें,भटक रहे तुम मन अलबेले!संतोषी मग  पकड़ बावरे,इस जीवन के बड़े झमेले!! तृप्त हुआ तू नहीं आज तक,मनमर्जी रथ को दौड़ाया!चौराहे पर फिरा भटकता,ज्यों कुंजर वन में बौराया!दृग ऊपर माया का पर्दा,देखे सपने सदा नवेले!संतोषी मग पकड़ बावरे,इस जीवन के बड़े झमेले!!……(१) पैसा पैसा जोड़ बैंक में,मन ही मन … Read more