देशप्रेम पर कविता-कन्हैया साहू अमित
देशप्रेम पर कविता देशप्रेम रग-रग बहे, भारत की जयकार कर। रहो जहाँ में भी कहीं, देशभक्ति व्यवहार कर। मातृभूमि मिट्टी नहीं, जन्मभूमि गृहग्राम यह।स्वर्ग लोक से भी बड़ा, परम पुनित निजधाम यह।जन्म लिया सौभाग्य से, अंतिम तन संस्कार कर।-1रहो जहाँ में भी कहीं, देशभक्ति व्यवहार कर। वीरभूमि पैदा हुआ, निर्भयता पहचान है। धरती निजहित त्याग … Read more