
मां की आंचल पर कविता
यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। मां की आंचल पर…
यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। मां की आंचल पर…
संभव क्यों नहीं कविता कामना हैन हो कोई सरहदन हो कोई बाधाभाषाओं कीविविधताओं कीजाति-पांतियों कीसभी दिलों में बहेएक-सी सरितासबके कानों में गूंजेएक-से तरानेसबके कदम उठेंऔर करें तयबीच के फांसलेयह सबनहीं है असंभवआदिकाल में थाऐसा हीफिर आज संभवक्यों नहीं Post Views:…
एहसास कविता जब मै तुमको देखा तोमन मे हलचल होने लगी ।दिल में एक अहसास हुआ,लगा की मुझे प्यार होने लगा । दिल धड़कने लगा जोर से,जब से तुमको मैने देखा है ।मेरे दिल को न जाने क्या हुआजब से…
सुंदरता पर कविता *प्रकृति की सुंदरता को देखकर,**मेरा मन प्रसन्न हो गया,**प्रकृति की गोद मे अपनी सारी जिंदगी यही कही खो गया,**कभी सुखी धरा पर धूल उड़ती है,**तो कभी हरियाली की चादर ओढ़ लेती है,**प्रकृति की सुंदरता हो ना हो,**उसमे…
हौसला हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण है, खासकर जब हम परिस्थितियों के खिलाफ स्थिर रहने के लिए अपना विश्वास खो देते हैं। यह हमें हार नहीं मानने की शक्ति और उत्साह प्रदान करता है, और हमें अग्रसर करने के…
गांव पर दोहे शहर नगर में विष घुले, करे जोर की शोर।शुद्ध हवा बहने लगी, चलो गांव की ओर।।१।। तेज गमन की होड़ में, उड़े बड़े ही धूल।मुक्त रहो इस खेल से, बात नही तुम भूल।।२।। शांत छांव में मन…
गुण की पहचान पर कविता वन में दो पक्षी, दिख रहे थे एक समान।कौन हंस है कौन बगुला, कौन करे पहचान। बगुला बड़ा था घमंडी, कहता मेरे गुण महान।तेज उड़ सकता हूं तुझसे, कह रहा था सीना तान। झगड़ा सुनकर…
सफलता पर कविता मन मे जोश उमंग भर लो,तुम्हे नया आकाश मिलेगा,आसमान को जरूर छू लो गे,रखो तुम मन मे विश्वास।ख्वाहिश को खामोश रखो,सफलता की ओर आगे बढ़ो,अहंकार कभी ना करना,मेहनत तुम करते जाओ।हार-जीत के बारे मे सोचो ना,कठिन राह…
वीर जवान पर कविता मान करे,सम्मान करे,वीर जवान का गुणगान करे,देश की सीमा मे रक्षा करते,हम सब मिलकर सम्मान करे। कश्मीर की सीमा मे तैनात है,हमारे वीर जवान,दुश्मनों की वार को,गोली से जवाब देते है। हिन्दू ,मुस्लिम,सिख,ईसाई,सभी है भाई-भाई,देश के…
*निषादराज के दोहे* (1) *दामिनी*देखा जबसे दामिनी,चकाचौंध अब नैन।होश हुआ मदहोश अब,ढलने को अब रैन।। (2) *व्योम*व्योम हुआ गहरा बहुत,बादल छाये आज।नहीं मिला अब चैन भी,नहीं हुआ कुछ काम।। (3) *पुलकित*माँ का आशीष है मिला,जीवन में उल्लास।पुलकित मेरा तन हुआ,हुआ…