Month February 2020

नन्हें मेहमान पर कविता

नन्हें मेहमान पर कविता मुंडेर पर रखेपानी के कुंडे कोदेख रहा था मैंहोकर आशंकितमन में उठे प्रश्नकोई पक्षीआता है या नहीँपानी पीनेतभी मुंडेर परदेखी मैंनेपक्षियों की बीठेंमन को हुई तसल्लीकि आते हैंनन्हे मेहमानमेरी मुंडेर पर -विनोद सिल्ला© Post Views: 53

बूंदाबांदी पर कविता

बूंदाबांदी पर कविता रात की हल्कीबूंदाबांदी नेफिजां कोदिया निखारपेङों पेपत्तों पेदीवारों पेमकानों पेजमीं धूलधुल गईसब कुछ हो गयानया-नयाऐसी बूंदाबांदीमानव मन पे भीहो जातीजात-पांतधर्म-मजहब कीजमी धूलभी जाती धुलआज कीफिजां की तरहजर्रा-जर्राजाता निखर -विनोद सिल्ला Post Views: 45

गणेश स्तुति गणनायक देवा,बिपदा मोर हरौ-बोधन राम निषादराज

गणेश स्तुति जय गणेश गणनायक देवा,बिपदा मोर हरौ।आवँव तोर दुवारी मँय तो, झोली मोर भरौ।।1।। दीन-हीन लइका मँय देवा,आ के दुःख हरौ।मँय अज्ञानी दुनिया में हँव,मन मा ज्ञान भरौ।।2।। गिरिजा नन्दन हे गण राजा, लाड़ू हाथ धरौ।लम्बोदर अब हाथ बढ़ाओ,किरपा…

वसंत आया पर कविता दूल्हा बन

वसंत आया पर कविता वसंत आया दूल्हा बन,वासंती परिधान पहन।उर्वी उल्हासित हो रही,उस पर छाया हुआ मदन।। पतझड़ ने खूब सताया,प्रियतमा बन गई विरहन ।पर्ण-वसन सब झड़ गये,किये क्षिति ने लाख जतन।। ऋतुराज ने उसे मनाया,नव कोपलें ,नव पल्हव।बनी धरा…

पिता पर कविता~बाबूलाल शर्मा

पिता पर कविता-बूलालशर्मा पिता ईश सम हैं दातारी। कहते कभी नहीं लाचारी। देना ही बस धर्म पिता का। आसन ईश्वर सम व्यवहारी।१ तरु बरगद सम छाँया देता। शीत घाम सब ही हर लेता! बहा पसीना तन जर्जर कर। जीता मरता…

शारदे माँ पर कविता

शारदे माँ पर कविता (1)हे शारदे माँ ज्ञान के,भंडार झोली डार दे।आये हवौं मँय द्वार मा,मन ज्योति भर अउ प्यार दे।।हे हंस के तँय वाहिनी,अउ ज्ञान के तँय दायिनी।हो देश मा सुख शांति हा,सुर छोड़ वीणा वादिनी।। (2)आ फूँक दे…

स्वदेश पर कविता-बाबूलालशर्मा

स्वदेश पर कविता करें जय गान!शहादत शान!सुवीर जवान!स्वदेश महान! करें गुण गान!सुधीर किसान!पढ़े इतिहास!बचे निज त्रास! धरा निज मात!प्रणाम प्रभात!पिता भगवान!सदा सत मान! रहे यश गान!स्वदेश महान!प्रवीर जवान!सुधीर किसान! ✍©बाबू लाल शर्मा, बौहरासिकंदरा,दौसा,राजस्थान Post Views: 49

यादें तो यादें है -विनोद सिल्ला

यादें तो यादें है -विनोद सिल्ला आ जाती हैं यादेंबे रोक-टोकनहीं है इन परकिसी का नियन्त्रणनहीं होने देतीआने का आभासआ जाती हैंबिना किसी आहट केदे जाती हैंकभी गम कातो कभी खुशी काउपहारजब भीआती हैं यादेंस्मृतियों केरंगमंच परचल पड़ता हैचलचित्र-सालौट आते…

गज़ल-मौत का क्या है

गज़ल-मौत का क्या है मौत का क्या है कभी तो आ ही जाएगी,,,हयात का क्या है कभी तो खत्म हो ही जाएगी,, सोचते रहते हैं हम तो उनके बारे में,,,इंतजार की घड़ी कभी तो खत्म हो ही जाएगी,, अंधेरा ही…

बसन्त ऋतु पर गीत

बसन्त ऋतु पर गीत लगे सुहाना मौसम कितना,मन तो है मतवाला।देख बसन्त खिले कानन में,फूलों की ले माला।। शीतलता अहसास लिए हैं,चलते मन्द पवन हैं।ऋतु बसन्त घर आँगन महके,जलते विरही मन हैं।।पंछी चहके हैं डाली पर,गाते गीत निराला।।लगे सुहाना………………………… ढाँक…