जीविनी युवा रचनाकार-आलोक कौशिक की

जीविनी युवा रचनाकार आलोक कौशिक एक युवा रचनाकार एवं पत्रकार हैं। इनका जन्म 20 जून 1989 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम पुण्यानंद ठाकुर एवं माता का नाम सुधा देवी है। मूलतः बिहार राज्य अन्तर्गत अररिया जिले के फतेहपुर गांव निवासी आलोक कौशिक ने स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य) तक की पढाई बेगूसराय … Read more

कवि पर दोहे

कवि पर दोहे विधी की सृष्टि से बड़ा, कवि रचना संसार।षडरस से भी है अधिक,इसका रस भंडार।।1।। विधि रचना संसार का,इक दिन होता अंत।कवि की रचना का कभी ,कभी न होता अंत।।2।। रवि नही पहुँचे जहां,कवी पहुंच ही जाय।कवि की रचना सृष्टि में,सीमा कभी न आय।।3।। कवी शब्द की शक्ति से, रचता है संसार।सुंदर सुंदर … Read more

सवेरा पर कविता

सवेरा पर कविता हुआ सवेरा जानकर , गुंजन करे विहंग।चले नहाने सर्वजन,कलकल करती गंग।। नित्य सवेरे जो उठे , होता वह नीरोग।सुख से वह रहता सदा,करता है सुखभोग।। नित्य सवेरे जो जपे, मन से प्रभु का नाम।मिट जाते है कष्ट सब ,पाता वह आराम।। त्याग करें आलस्य का , जगें सवेरे नित्य।शुचि हो प्रभु का … Read more

प्रेम दिवस पर कविता

प्रेम दिवस पर कविता चक्षुओं में मदिरा सी मदहोशीमुख पर कुसुम सी कोमलतातरूणाई जैसे उफनती तरंगिणीउर में मिलन की व्याकुलता जवां जिस्म की भीनी खुशबूकमरे का एकांत वातावरणप्रेम-पुलक होने लगा अंगों मेंजब हुआ परस्पर प्रेमालिंगन डूब गया तन प्रेम-पयोधि मेंतीव्र हो उठा हृदय स्पंदनअंकित है स्मृति पटल परप्रेम दिवस पर प्रथम मिलन ……………….. :-आलोक कौशिक

प्रेमगीत

प्रेमगीत है मुझे स्मरण… जाने जाना जानेमन !वो पल वो क्षणहमारे नयनों का मिलनजब था मूक मेरा जीवनतब हुआ था तेरा आगमनकलियों में हुआ प्रस्फुटनभंवरों ने किया गुंजन है मुझे स्मरण… जाने जाना जानेमन !तेरा रूप तेरा यौवनजैसे खिला हुआ चमनचांद सा रौशन आननचांदनी में नहाया बदनझूम के बरसा सावनफूलों में हुआ परागण है मुझे … Read more