वसंत ऋतु / डा मनोरमा चंद्रा ‘ रमा ‘
"वसंत ऋतु" आया वसंत आज, भव्य ऋतु मन हर्षाए। खिले पुष्प चहुँ ओर, देख खग भी मुस्काए।। मोहक लगे वसंत, हवा का झोंका…
कविता
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