यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0मनोरमा चन्द्रा रमा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

जब तक तन में प्रान

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 15 August Independence Day करो लोकहित तुम मनुज जब तक तन में प्रान देश सदा उन्नति करे ,मन में लेना ठान ।करो लोकहित तुम मनुज ,जब…

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भेदभाव को छोड़कर धर अपनों का हाथ

मनोरमा चन्द्रा रायपुर: रमा के रमणीय बोल ---- 07/09/2020 दोहा -- छंद

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मोह पर कविता: बहुत कठिन है आज भी लोभ मोह का त्याग-मनोरमा चन्द्रा “रमा”

मोह पर कविता,

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अनुभूति भाव पर कविता

अनुभूति भाव पर कविता दृश्य देख अनुभूति से ,             आया अब विश्वास ।अपने उन्नति के लिए ,             लोग करे ठग…

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गुरु ईश्वर समतुल्य हैं

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने…

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साधना पर कविता

साधना पर कविता करूँ इष्ट की साधना,कृपा करें जगदीश।पग पग पर उन्नति मिले,तुझे झुकाऊँ शीश।। योगी करते साधना,ध्यान मगन से लिप्त।बनते ज्ञानी योग से,दूर सभी अभिशिप्त ।। जो मन को…

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वक्त ने सितम क्या ढाया है

वक्त ने सितम क्या ढाया है यह कैसी बेवसी है ,कैसा वक्त,अपनी हद में रह कर भी सजा पाईचाहा ही क्या था फ़कत दो गज जमीन ,वो भी न मिली…

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