आओ मिल प्रण करें हम- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस रचना में कवि जीवन में कुछ आदर्श स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रहा है जिससे जीवन को एक सही दिशा मिल सके |
आओ मिल प्रण करें हम- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस रचना में कवि जीवन में कुछ आदर्श स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रहा है जिससे जीवन को एक सही दिशा मिल सके |
आओ मिल प्रण करें हम- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस रचना के माध्यम से कवि जीवन को एक दिशा की ओर ले जाना चाहता है | जीवन में जो गलतियां की जाती हैं उनकी ओर भी पाठकों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गयी है |
अनैतिकता के पाताल के गर्त में- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस रचना के माध्यम से कवि जीवन को उस दिशा में ले जाना चाहता है जहां उसे उसकी मंजिल मिल सके |
चल रहा हूँ उस पथ पर – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
यह रचना जीवन में होते उतार – चढ़ाव का सामना करते हुए आगे बढ़ने को प्रेरित करती है | साथ ही मुसीबतों से न घबराने और स्वयं को स्थापित करने की प्रेरणा देती है |
पल पल गिरता – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
धन –
क्षणिक सुख है
सदव्यवहार –
जीवन का सच्चा साथी है