गीतिका छंद पर सृजन -देवता
गीतिका छंद 🌹
गीतिका छन्द एक मात्रिक छन्द है। इसके चार चरण होते है। प्रत्येक चरण में 14 और 12 यति से 26 मात्राएँ होती है। अन्त में क्रमशः लघु-गुरु होता है।
मापनी–
2122 2122 , 2122 212=26
गीतिका छंद 🌹
गीतिका छन्द एक मात्रिक छन्द है। इसके चार चरण होते है। प्रत्येक चरण में 14 और 12 यति से 26 मात्राएँ होती है। अन्त में क्रमशः लघु-गुरु होता है।
मापनी–
2122 2122 , 2122 212=26
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
“महिला जागृति”
चिंता से चिता तक मां बाप को बच्चों के भविष्य की चिन्ता,महंगे से स्कूल में एडमिशन की चिन्ता।स्कूल के साथ कोचिंग, ट्यूशन की चिन्ता,शहर से बाहर हाॅस्टल में भर्ती की चिन्ता।। जेईई, नीट, रीट कम्पीटीशन की चिन्ता,सरकारी, विदेशी कं. में नौकरी की चिन्ता।राजशाही स्तर का विवाह करने की चिंता,विवाह पश्चात विदेश में बस जाने की … Read more
प्रस्तुत कविता शिव की महिमा भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है। जिसे सुनकर दहलती थी कभी छाती सिकंदर की,जिसे सुनकर कि कर से छूटती थी तेग बाबर की,जिसे सुन शत्रु की फौजें बिखरती थीं, सिहरती थीं,विसर्जन की शरण ले डूबती नावें उभरती थीं।हुई नीली कि जिसकी चोट से … Read more