बेटी पर दोहा छंद
बेटी पर दोहा छंद बेटी सृष्टि प्रसारणी , जग माया विस्वास।धरती पर अमरित रची, काया श्वाँसो श्वाँस।।.बेटी जग दातार भी ,यही जगत आधार।जग की सेतु समुद्र ये, जन मन देवा धार।।.बेटी गुण की खान है, त्याग मान बलिदान।राज धर्म तन तीन का,सत्य शुभ्र अभिमान।।.बेटी व्रत त्यौहार की, सामाजिक सद्भाव।कुटुम पड़ोसी जोड़ती,श्रद्धा भक्ति सुभाव।।.बेटी यसुदा मात … Read more