हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर कविता
हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर कविता सच कहो,चाहे तख्त पलट दो, चाहे ताज बदल दोभले “साहब” गुस्सा हो, चाहे दुनिया इधर से उधर होतुम रहो या ना रहोपर, जब कुछ कहो तो, सच कहो। सच पर ही तो, न्याय टिका हैशासन…
हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर कविता सच कहो,चाहे तख्त पलट दो, चाहे ताज बदल दोभले “साहब” गुस्सा हो, चाहे दुनिया इधर से उधर होतुम रहो या ना रहोपर, जब कुछ कहो तो, सच कहो। सच पर ही तो, न्याय टिका हैशासन…
का के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे तो उस दिन पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा रही थी. भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दिवाली…
करवाचौथ पर हिंदी कविता- करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाने वाला पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सवेरे सूर्योदय से पहले लगभग 4 बजे से आरंभ होकर रात में चंद्रमा दर्शन के उपरांत संपूर्ण होता है।
हिन्दी की महत्ता पर कविता – मानव जाति अपने सृजन से ही स्वयं को अभिव्यक्त करने के तरह-तरह के माध्यम खोजती रही है। आपसी संकेतों के सहारे एक-दूसरे को समझने की ये कोशिशें अभिव्यक्ति के सर्वोच्च शिखर पर तब पहुँच…
टेचराही….(व्यंग) दिन आगे कइसा गोरर-गोरर केजिनगी सहीचलत हे नेट,महिना पुटभरे परथेभरे झन पेट। दु दिन आघुमटकत रहिथेआरो मोबाइल मफोन आथे छोकरी केकहिथे ,स्टाइल म। जल्दी भरवा लोआपके सेवाहो जाही बंद,कसके लेववफेसबुक, वाट्सअपके आनंद। मरताका न करतालगा थे जुगाड़,लइका केफीस पटे…
दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया…
कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी पर कविता हाँ मुंशी प्रेमचंद जी , साहित्यकार थे ऐसेमानवता की नस-नस को पहचान रहे हों जैसे। सन् अठ्ठारह सौ अस्सी में अंतिम हुई जुलाईतब जिला बनारस में ही लमही भी दिया सुनाईआनंदी और अजायब…
शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा शुभ्र शरद शुभ पूर्णिमा, लिए शीत संकेत।कर सोलह शृंगार दे, चंद्र प्रभा घर खेत।। दक्षिण पथ रवि रथ चले, शरद पूर्णिमा देख।कृषक फसल के बीज ले, हल से लिखे सुलेख। श्वाँस कास उपचार हित,…
पगला कहे दुनिया समझाये सबो मोला ।का तोर मया हे दिखलाये सबो मोला ।। मन मोर भरम जाये वो ही गोठ ला करथेंदुरिहा चले जावों भरमाये सबो मोला । मँगनी के मया नोहे मया हावे जनम केनिंदा करें सब झन…
कतको दीवाना हे (छत्तीसगढ़ी गजल) किस्मत के सितारा हा चमक जाही लगत हे ।मन तोर दीवाना हे भटक जाही लगत हे ।। खुशबू ले भरे तन मा रथे मन घलो सुंदरतोर तीर जमाना ये जटक जाही लगत हे । कतको…