Month November 2023

लकड़ियों पर कविता

लकड़ियों पर कविता              चिता की लकड़ियाँ,ठहाके लगा रही थीं,शक्तिशाली मानव को,निःशब्द जला रही थीं!मैं सिसकती रही,जब तू सताता था,कुल्हाड़ी लिए हाथ में,ताकत पर इतराता था!भूल जाता बचपन में,खिलौना बन रिझाती रही,थक जाता जब खेलकर,पालने में झुलाती रही!देख समय का…

बोल रहे पाषाण

बोल रहे पाषाण बोल रहे पाषाण अबव्यक्ति खड़ा मौन है,छोड़ा खुद को तराशनापत्थरों पर ही जोर है।कभी घर की दीवारेंकभी आँगन-गलियारे,रखना खुद को सजाकररंग -रौगन का दौर है।घर के महंगे शो पीसबुलाते चारों ओर हैं  ,मनुज को समय नहींअब चुप्पी…

आया बसंत

“आया बसंत” नव पल्लव नव रंग लिए,नव नवल पुष्प का गंध लिए।सरसों की पीली चुनरी ओढ़े, टेशू के सुन्दर रंग लिए। खेतों और खलिहानों में, बागों और कछारों में। जंगल और पहाड़ों में, रंग बसंती संग लिए। उलट-पुलट चल रही बयारें,…

doha sangrah

दोहा सप्तक

दोहा सप्तक                          *जो तू तोड़े फूल को , किया बड़ा क्या काम ।फूलों को  मुरदा  करे , खुश हो  कैसे  राम ।।                         *जीवन  के सौन्दर्य से , जब  होगी पहचान ।पायेगा  तब ही  मजा , सचमुच  में इंसान ।।       …

जिन्दगी पर कविता

जिन्दगी पर कविता जिन्दगी तो प्रेम की एक गाथा है,जिन्दगी भावुक प्रणय की छाँव है,जिन्दगी है वेदना की वीथिका सीजिन्दगी तो कल्पना की छुवन भर है। जिन्दगी है चन्द सपनों की कहानी,जिन्दगी विश्वास के प्रति सावधानी,जिन्दगी इतिहास है निर्मम् समय…

मिला जो आशियाना

मिला जो आशियाना मिला जो आशियानावह सर्द रातों में ठिठुरताआसरा ढूंढता पेड़ो के नीचेपेड़ भी तो टपक रहे हैंचीथड़े खोजता अपने लिएजिससे ढक सकेकम्पित बदन कोमसृण पात…बैरी बनेएक बूंद ….एक शीतल बूंदसिहरन पैदा करती अंतर तकश्वान से सटकरहल्की गर्माहट महसूस…

मुरली पर कविता

मुरली पर कविता मुरली रे मुरली तूने ऐसा कौन सा काम किया है ।खुस होकर कान्हा ने तुझे अधरों पे थाम लिया  है।मुरली  बोलो न  मुरली बोलो नतेरी  किस्मत सबसे निराली कान्हा ने अपनाया ।कान्हा के अधरों पे सजी है…

विजय पर कविता

विजय पर कविता जिस जीवन में संघर्ष न होविजय उसे नहीं मिल सकतीतेजस्वी वीर पुरुष के आगेअरिसेना नहीं टिक सकती।ललकार दो शत्रु को ऐसी तुमपर्वत का सीना टकराएसाहस हृदय में प्रबल रखोरिपु का मस्तक भी झुक जाए।सरहद पर दुश्मन बार-बारमाँ…

विश्वास अपेक्षा महत्व पर कविता

विश्वास अपेक्षा महत्व पर कविता १.विश्वास सफल रिश्ते का साँस है विश्वासविश्वास की नींव परसंसार टिका है साहबकर विश्वास हर शख्स पर,पर खुद से ज्यादान करो कभी किसी पर विश्वास। २.अपेक्षा अपेक्षा रखते हैं बहुत हमकितने लोगों से किस हद…

आया है मधुमास- कुण्डलियाँ

आया है मधुमास *भँवरे गुंजन कर रहे, आया है मधुमास।**उपवन की शोभा बनें, टेसू और पलाश।**टेसू और पलाश, संग में चंपा बेला।**गेंदा और गुलाब, सजा रंगों का मेला।**फुलवारी अरु बाग, बसंती रँग में सँवरे।**पी कर नव मकरंद, गुँजाते बगिया भँवरे।।1*…